मार्च में जीएसटी संग्रह 13 प्रतिशत बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मार्च में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये हो गया जो अब तक का दूसरा सर्वाधिक कर संग्रह है। इसके साथ वित्त वर्ष 2022-23 में वार्षिक कर वृद्धि 22 प्रतिशत रही।
नयी दिल्ली, 1 अप्रैल 2023, (आरएनआई)। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मार्च में सालाना आधार पर 13 प्रतिशत बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये हो गया जो अब तक का दूसरा सर्वाधिक कर संग्रह है। इसके साथ वित्त वर्ष 2022-23 में वार्षिक कर वृद्धि 22 प्रतिशत रही।
वित्त मंत्रालय ने शनिवार को मार्च, 2023 के जीएसटी संग्रह आंकड़े जारी करते हुए कहा कि इस महीने में अब तक का सर्वाधिक जीएसटी रिटर्न भी जमा किया गया। पिछले महीने जीएसटी में पंजीकृत 91 प्रतिशत से अधिक कारोबारों ने रिटर्न जमा करने के साथ कर भुगतान किया।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि मार्च, 2023 में कुल जीएसटी संग्रह 1,60,122 करोड़ रुपये रहा है। इसमें केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 29,546 करोड़ रुपये है जबकि राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) संग्रह 37,314 करोड़ रुपये है। वहीं एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) के मद में 82,907 करोड़ रुपये इकट्ठा हुए हैं। इसके साथ 10,355 करोड़ रुपये का उपकर भी शामिल है।
इसके पहले फरवरी में जीएसटी संग्रह 1.49 लाख करोड़ रुपये रहा था जबकि जनवरी में 1.57 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ था। जीएसटी का सर्वाधिक संग्रह अप्रैल, 2022 में 1.68 लाख करोड़ रुपये का रहा था।
वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान जीएसटी का कुल संग्रह 18.10 लाख करोड़ रुपये रहा है जो वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक है। समाप्त वित्त वर्ष में जीएसटी का औसत मासिक संग्रह 1.51 लाख करोड़ रुपये रहा है।
इस वित्त वर्ष में चार बार मासिक कर संग्रह 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि मार्च में फरवरी के लिए 93.2 प्रतिशत जीएसटीआर-1 फॉर्म जमा किए गए जबकि 91.4 प्रतिशत जीएसटीआर-3बी फॉर्म भरे गए। यह रिटर्न भरने का अब तक का सर्वाधिक स्तर है।
केपीएमजी के भारत में साझेदार (अप्रत्यक्ष कर) अभिषेक जैन ने कहा कि जीएसटी के मासिक एवं वार्षिक संग्रह के आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था के बढ़ते हुए आकार को दर्शाते हैं।
डेलॉयट इंडिया में साझेदार एवं अप्रत्यक्ष कर प्रमुख महेश जयसिंह ने कहा कि आर्थिक गतिविधि में बढ़ोतरी और विश्लेषणात्मक आंकड़ों पर आधारित ऑडिट में तेजी आने से आने वाले महीनों में वृद्धि का ही रुझान नजर आता है।
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