मानवीय जीवन के बहुमूल्य सूत्रों और सिद्धांतों की संहिता है श्रीमद्भागवत : भागवत विदुषी कीर्ति किशोरी
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

हरिद्वार/मथुरा (आरएनआई) ओल्ड ऋषिकेश रोड/भूपतवाला स्थित अग्रवाल भवन में इन दिनों श्रीकृष्ण कीर्ति फाउंडेशन एवं श्रीराधा माधव सेवा समिति, वृन्दावन के संयुक्त तत्वावधान में सप्त दिवसीय अष्टोत्तरशत (108) श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ चल रहा है।जिसमें व्यासपीठ पर आसीन प्रख्यात भागवत विदुषी कीर्ति किशोरी अपनी सुमधुर वाणी के द्वारा प्रातः 09 से मध्याह्न 12 बजे तक देश-विदेश से आए सैकड़ों भक्तों-श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत की अमृतमयी कथा का रसास्वादन करा रही हैं।इसके अलावा चिरंजीव मयूर कृष्ण महाराज (प्रभुजी) सायं 06 से रात्रि 08 बजे तक भगवत चरितामृतं "प्रेम कथा" श्रवण करा रहे हैं।
व्यापीठ से भागवत विदुषी कीर्ति किशोरी ने समस्त भक्तों-श्रद्धालुओं को सदगुरुदेव की महिमा बताते हुए कहा कि सदगुरु का आश्रय लिए बिना प्रभु की भक्ति मिलना संभव नहीं है।जिस प्रकार नदी पार करने के लिए नौका की आवश्यकता होती है,उसी प्रकार भवसागर पार करने के लिए एवं प्रभु भक्ति पाने के लिए हमें सदगुरु की परम् आवश्यकता होती है।इसीलिए हमें अपने जीवन में सदगुरु अवश्य बनाने चाहिए।जिससे कि हमारा कल्याण हो सके।
उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत मानवीय जीवन के बहुमूल्य सूत्रों और सिद्धांतों की संहिता है।इस ग्रंथ के श्रवण करने से जीवन तो जीवन मृत्यु भी सुख मय बन जाती है।साथ ही इसमें जीवन के प्रत्येक क्षेत्र के सूत्र और सिद्धांत तथा समाधान निहित हैं।उन्हें समझ कर धारण कर जीवन में उतारने की परम् आवश्यकता है।
महोत्सव के अंतर्गत भागवत विदुषी कीर्ति किशोरी अपने परिकर सहित जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अनन्तश्री विभूषित स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज को कथा में पधारने का निमंत्रण उनके हरिद्वार स्थित आश्रम पर देने गईं।
इस अवसर पर श्रीकृष्ण कीर्ति पत्रिका के संपादक व वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सतेन्द्र जोशी, श्रीराधा माधव सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाजपत राय बंसल, उपाध्यक्ष जितेंद्र अग्रवाल, उमेश बंसल, संगठन मंत्री आनंद किशोर अग्रवाल, विपिन खूँटेटा, अमित श्रीवास्तव, रामानुज शर्मा, मनोज अग्रवाल, कल्याणदास ब्रजवासी, महिला मंडल की अध्यक्ष कांता बंसल, ब्रजबाला बंसल, कंचन चौपड़ा, आशा अग्रवाल, मंजू अग्रवाल, वीना वाधवा, स्वामी श्री अनन्तानंत महाराज ,भागवत आचार्य मुकुंदी लाल महाराज आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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