मानव जीवन में भगवद चिंतन परम् आवश्यक : आचार्य महंत चंद्रदास महाराज
वृन्दावन।कालीदह क्षेत्र स्थित ठाकुर श्रीराधा रस बिहारी मंदिर में श्रीवृन्दावन फाउंडेशन ट्रस्ट के तत्वावधान में मंदिर का सप्त दिवसीय प्रथम पाटोत्सव एवं श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ चल रहा है।जिसके अंतर्गत श्रीजी सदन (फोगला आश्रम) में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में व्यासपीठ से सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को भगवद भक्ति की महिमा बताते हुए आचार्य महंत चंद्रदास महाराज (राधिका दास)ने कहा कि मानव जीवन में भगवद चिंतन परम आवश्यक है।नाम जप के बाद में अगली सीढी चिंतन ही है।जब भगवान श्रीकृष्ण ने उद्धव को उपदेश देते हुए कहा कि जो व्यक्ति मेरे साथ संबंध जोड़ कर भक्ति करेगा और मुझे पूर्णत: मानेगा, तभी उसकी भक्ति पुष्ट होगी और मेरी प्राप्ति भी अवश्य ही होगी।पद्म पुराण के अनुसार भगवान शंकर ने नारदजी को बताया कि जो भी मनुष्य भगवान श्रीकृष्ण की आत्मा स्वरूपा श्रीराधा रानी के चरणों में समर्पित हो जाता है उसको भगवान श्रीकृष्ण की प्राप्ति निश्चित ही जाती हैं।
आचार्य महंत चंद्रदास महाराज (राधिका दास) ने कहा कि भक्ति सुदामा जैसी करनी चाहिए। तभी भगवान श्रीकृष्ण की प्राप्ति संभव है।भक्त सुदामा महाराज की भक्ति का भावपूर्ण वर्णन करते हुए बताया कि संसार से मांगने पर भी हमको कुछ भी प्राप्त नहीं होगा।परंतु भगवान की भक्ति से हमको हमारे जीवन में सब कुछ मिल सकता है।लेकिन वह भक्ति सरल भाव से करनी चाहिए।
ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि आचार्य महंत चंद्रदास महाराज (राधिका दास)धर्म व अध्यात्म जगत की बहुमूल्य थाती हैं।वे अपने द्वारा संचालित श्रीवृन्दावन फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वारा समाजसेवा के जो अनेकानेक कार्य कर रहे हैं,वे अति प्रशंसनीय है।
इस अवसर पर एडवोकेट महेंद्र सिंह, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, मुख्य यजमान जगदीश प्रसाद शुक्ला व श्रीमती कृष्णा देवी शुक्ला,युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, सुशील शुक्ला, प्रदीप शुक्ला, पवन शुक्ला, राकेश कुमार यादव, रामकृष्ण यादव, डॉ. एस.एस. यादव, इंद्रजीत आर्य, राज यादव, जगपति यादव व साक्षी शुक्ला आदि की उपस्थिति विशेष रही।
What's Your Reaction?