महिला की नाक काटने वाले पति सहित 3 लोगों को आजीवन कारावास
आरोन के रामपुर में 3 साल पहले वारदात, एक आरोपी पर दुष्कर्म भी सिद्ध।
गुना-आरोन (आरएनआई) जिले के आरोन थाना क्षेत्र में 3 साल पहले महिला की नाक काटने की सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले पति सहित 3 लोगों को विशेष अदालत ने आजीवन कारावास और 5-5 हजार रुपए का अर्थदंड भुगतने की सजा सुनाई है। मामले की सुनवाई के दौरान एक आरोपी पर दुष्कर्म करने का आरोप भी सिद्ध हुआ है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक परवेज अहमद खान ने की।
जानकारी के मुताबिक 22 सितम्बर 2020 को पीडि़ता उसके पति धनसिंह उर्फ धन्नू अहिरवार के साथ बैंक में खाता खुलवाने आरोन से रामपुर जा रही थी। दोनों एक अज्ञात ट्रैक्टर पर सवार हो गए थे। रामपुर से पहले धनसिंह ने ट्रैक्टर रुकवाया और पीडि़ता को भी यह झांसा देकर ट्रैक्टर से उतार लिया कि उसे अपने रिश्ते के भाई चंदू उर्फ चंदन सिंह निवासी रामनगर राघौगढ़ से एक हजार रुपए लेने थे। धनसिंह पीडि़ता को एक खेत के नजदीक ले गया। कुछ देर बाद चंदन सिंह उर्फ चंदू एक अन्य आरोपी अंकेश धाकड़ के साथ पहुंचा और पीडि़ता को इस बात पर धमकाने लगा कि उसने धनसिंह पर मुकद्दमा क्यों दर्ज करवा रखा है। पीडि़ता ने बताया कि धनसिंह उसके साथ मारपीट करता है, बुरा बर्ताव करता है, इसलिए उसने केस दर्ज करवाया है। इसके बाद तीनों आरोपियों ने पीडि़ता के साथ मारपीट की। चंदू और अंकेश ने उसके हाथ पकड़ लिए और धनसिंह ने पीडि़ता की नाक काट दी। घटना के थोड़ी बाद पीडि़ता को होश आया और उसने मुख्य सड़क पर जाकर लोगों की सहायता से डायल-100 को फोन किया। इस मामले में आरोन पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 326 के तहत केस दर्ज किया था। लेकिन पीडि़ता के बयानों के आधार पर दुष्कर्म की धाराओं में भी इजाफा किया गया। सुनवाई के दौरान पुलिस ने तथ्य प्रस्तुत किए कि आरोपियों में से किसी एक ने पीडि़ता से दुष्कर्म भी किया था। मेडीकल परीक्षण और जांच के दौरान दुष्कर्म का आरोप अंकेश धाकड़ पर सिद्ध हुआ। प्रकरण की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायाधीश रविंद्र कुमार भद्रसेन ने महिला के पति धनसिंह उर्फ धन्नू अहिरवार, उसके जेठ चंदू उर्फ उर्फ चंदेन सिंह और अंकेश धाकड़ को नाक काटने का दोषी पाया। जबकि अंकेश पर दुष्कर्म और नाक काटने में सहयोग करने का आरोप सिद्ध हुआ। न्यायालय ने तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास और 5-5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा से दंडित किया है। जुर्माना न भुगत पाने की स्थिति में आरोपियों को 2-2 साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
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