'महाराष्ट्र को जल्द ही तीसरा उपमुख्यमंत्री मिलेगा', शिंदे गुट पर संजय राउत पर बड़ा हमला
उद्धव ठाकरे के गुट को कमजोर बताए जाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि एकसा आरोप लगाने वाले अपनी चिंता करें। वे डर की वजह से सत्ता पक्ष का साथ दे रहे हैं। वे दिल्ली के इशारे पर काम कर रहे हैं। सत्ता आती-जाती रहती है, लेकिन हम यहां मजबूती से खड़े हैं।
मुंबई (आरएनआई) शिवसेना (उद्धव बाला साहब ठाकरे) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र की सियासत को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि ईडी, सीबीआई के डर से लोग भाजपा के साथ खड़े हो गए हैं। देखिएगा महाराष्ट्र को जल्द ही तीसरा उपमुख्यमंत्री मिलेगा। यह शिवसेना की शिंदे गुट से ही होगा।
उद्धव ठाकरे के गुट को कमजोर बताए जाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि एकसा आरोप लगाने वाले अपनी चिंता करें। वे डर की वजह से सत्ता पक्ष का साथ दे रहे हैं। वे दिल्ली के इशारे पर काम कर रहे हैं। सत्ता आती-जाती रहती है, लेकिन हम यहां मजबूती से खड़े हैं।
इससे पहले संजय राउत ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, 'मेरे मन में संदेह है कि 2026 के बाद केंद्र सरकार बचेगी या नहीं? मुझे लगता है कि मोदी अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेंगे और एक बार केंद्र सरकार अस्थिर हो गई तो इसका असर महाराष्ट्र पर भी पड़ेगा।' संजय राउत ने संवाददाताओं से बात करते हुए उन अटकलों को खारिज कर दिया था कि नवंबर 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद शिवसेना (यूबीटी) के कुछ नेता पार्टी छोड़ सकते हैं। दरअसल, वे शिवसेना (यूबीटी) के राजापुर के पूर्व विधायक राजन साल्वी के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी छोड़ने की चर्चा पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
पिछले साल हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने 543 सदस्यीय सदन में 272 के बहुमत के आंकड़े से ऊपर 293 सीटें जीती थीं। हालांकि, पिछले दो कार्यकालों के मुकाबले भाजपा अपने दम पर बहुमत से काफी दूर रह गई। राउत ने दावा किया था कि मुझे संदेह है कि केंद्र में सरकार 2026 तक टिक पाएगी या नहीं। मोदी अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेंगे और जब ऐसा होगा, तो न केवल महाराष्ट्र में बल्कि अन्य जगहों (राज्यों) में भी बदलाव होंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना (यूबीटी) का प्रदर्शन अच्छा नहीं था। पार्टी 36 सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन उन्हें केवल 10 पर ही जीत मिली। भाजपा 132 से ज्यादा सीटें जीती। वहीं अगर भाजपा नीत महायुति के घटक दलों की बात करें तो एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 57 और अजित पवार की राकांपा 41 सीटें जीतने में कामयाब रही। महाविकास आघाड़ी (कांग्रेस, शिवसेना-यूबीटी, राकांपा-एसपी) ने सिर्फ 46 सीटें जीतीं।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?