महाराष्ट्र और बिहार में सड़कों की स्थिति में कोई अंतर नहीं: जयराम रमेश
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सड़क निर्माण को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र और बिहार में सड़कों की हालत समान रूप से खराब है।
वाशिम (महाराष्ट्र), 16 नवंबर 2022, (आरएनआई)। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सड़क निर्माण को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र और बिहार में सड़कों की हालत समान रूप से खराब है।
कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के साथ चल रहे पार्टी नेता रमेश ने यहां संवाददाताओं से कहा कि तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के विपरीत महाराष्ट्र में सड़कों की स्थिति खराब है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में पैदल मार्च के दौरान सड़कों पर चलने में उन्हें कठिनाई हुई।
महाराष्ट्र में 10वें दिन की यात्रा विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिले में बुधवार को शुरू हुई। रमेश ने सवाल किया, ‘‘मोदी सरकार में एक मंत्री हैं जिसके पास एक महत्वपूर्ण विभाग है और ऐसा माना जाता है कि शेर शाह सूरी के बाद, उन्होंने सभी सड़कों का निर्माण किया है। उनकी छवि एक ‘मास्टर’ सड़क निर्माता की है। वह अपने काम की शेखी भी बघारते हैं। मराठवाड़ा और विदर्भ में क्या हुआ है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘निवेश के मामले में महाराष्ट्र नंबर एक है, लेकिन मेरा कहना है कि महाराष्ट्र और बिहार के बीच सड़कों के मामले में कोई अंतर नहीं है।’’
रमेश ने यह भी कहा कि वह मराठवाड़ा और विदर्भ क्षेत्रों में 100 किलोमीटर से अधिक चले और सड़कों की खराब स्थिति बहुत दुर्भाग्यपूर्ण थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें सड़कों पर चलने में बहुत परेशानी हुई। जब यात्रा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से होकर गुजरी तो हमें ऐसी स्थिति का अनुभव नहीं हुआ।’’
उन्होंने कहा कि वह सुबह में (वाशिम में) 15 किलोमीटर चले और सात किलोमीटर का रास्ता बहुत खराब था।
मीडिया से बातचीत में रमेश के साथ मौजूद कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने देश द्वारा आर्थिक समस्याओं का सामना करने से इनकार करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘खुदरा मुद्रास्फीति दर 6.77 प्रतिशत है और पिछले 10 महीनों से यह छह प्रतिशत से अधिक बनी हुई है, लेकिन सरकार ने चुप्पी साध रखी है।’’
श्रीनेत ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) लागू करने के लिए कांग्रेस की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकारें लोगों की मांग के चलते ओपीएस में वापस आ गई हैं।
यात्रा सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई थी और बुधवार को 70वें दिन में प्रवेश कर गई। यह 20 नवंबर को मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी।
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