महाराणा प्रताप की जयंती पर त्रिदिवसीय संवाद-मंथन कार्यशाला का हुआ समापन
वृन्दावन।परिक्रमा मार्ग स्थित सुखधाम आश्रम में महाराणा प्रताप की 483 वीं जयंती के अवसर पर श्रीमज्जगद्गुरु पीपाद्वाराचार्य बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज की पावन अध्यक्षता में चल रहे त्रिदिवसीय "संवाद-मंथन" कार्यशाला के अंतिम दिन जगद्गुरु नाभापीठाधीश्वर स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज व संत-प्रवर गोविंदानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण जगद्गुरु और महायोगेश्वर हैं। श्रीमद्भगवद्गीता धर्म का सनातन और सार्वभौम विज्ञान है।
चतु सम्प्रदाय के श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज व गौसेवी संत गोपेश कृष्ण दास महाराज ने कहा कि मानव अधिकारों की रक्षा व्यवस्था ही धर्म का उद्देश्य है।राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति धर्म के बिना संभव नहीं है।
कार्यक्रम संयोजक पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ एवं सह संयोजक व मीडिया प्रभारी डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप सच्चे देशभक्त व मातृभूमि के रक्षक थे।वे किसी जाति विशेष के नहीं अपितु समूचे देश वासियों के प्रेरणाश्रोत हैं।
डॉ. श्रॉफ आई केयर इंस्टीट्यूट के प्रशासक कैप्टन राजीव मिश्रा व प्रख्यात भागवताचार्य रामविलास चतुर्वेदी ने कहा कि जब अधर्म की वृद्धि व धर्म की हानि होती है,तब परमात्मा धर्म रक्षार्थ प्रकट होते हैं। कर्म की स्वतन्त्रता का व्यक्ति को विशेष अधिकार प्राप्त है।
महंत आचार्य रामदेव चतुर्वेदी व भागवताचार्य गोपाल भैया ने कहा कि जगद्गुरु भगवान श्रीकृष्ण ने मानव को कर्मयोग की शिक्षा प्रदान की है। जो कि सभी समस्याओं का समाधान है।
इस अवसर पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वेदप्रकाश, आयोजन के मुख्य संयोजक रामकृष्ण गोस्वामी,पूर्व डी.आई.जी. - राजस्थान(कारागार)सुरेन्द्र सिंह शेखावत, परिवहन अधिकारी लक्ष्मण प्रसाद, एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह, क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष महेंद्र सिंह ,ठाकुर हरिवल्लभ सिंह,प्राचार्य डॉ. देवप्रकाश,पूर्व प्राचार्य ठाकुर रघुपति सिंह, डॉ. राधाकांत शर्मा,दिनेश यादव, पार्षद महेश शर्मा, डॉ. पंकज गुप्ता,जितेंद्र सिंह राणा, प्रदीप जैन,संजीव सिंह बाबा, छैलबिहारी शर्मा, भरत गौतम, आचार्य ईश्वरचंद्र रावत आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। क्षत्रिय महासभा के द्वारा यह घोषणा की गई, कि 18 जून 2023 को हल्दीघाटी में "हल्दीघाटी चेतना दिवस" के उपलक्ष्य में मथुरा-वृन्दावन से एक सप्ताह की हल्दीघाटी चेतना यात्रा 12 जून से निकाली जाएगी।इसके साथ ही संवाद-मथन कार्यशाला में हुए निष्कर्ष के रूप में 18 सूत्रीय विश्व मानव धर्म की घोषणा की गई।जिसकी शपथ सभी उपस्थित जनों ने सामूहिक रूप से ली।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।
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