महाकुंभ में पहुंचे आचार्य बालकृष्ण बोले : जिसके अंदर श्रद्धा होगी, वह गंगा स्नान को अनुभव कर सकता है
संगम में स्नान करने के बाद करीब दो सौ साधु-साध्वियों के साथ आम श्रद्धालुओं की तरह उन्होंने महाकुंभ के कई सेक्टरों में भ्रमण किया। वार्ता के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर उन्होंने कहा कि यह श्रद्धा, समर्पण, विश्वास का विषय है। जिसके अंदर श्रद्धा है, वही संगम स्नान का अनुभव कर सकता है।
प्रयागराज (आरएनआई) पतंजलि योग पीठ के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण मंगलवार को महाकुंभ पहुंचे। उन्होंने आश्रम के बड़ी संख्या में संतों के साथ संगम में डुबकी लगाई। संगम में स्नान करने के बाद करीब दो सौ साधु-साध्वियों के साथ आम श्रद्धालुओं की तरह उन्होंने महाकुंभ के कई सेक्टरों में भ्रमण किया। वार्ता के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर उन्होंने कहा कि यह श्रद्धा, समर्पण, विश्वास का विषय है। जिसके अंदर श्रद्धा है, वही संगम स्नान का अनुभव कर सकता है।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सनातन परंपराएं सिर्फ धार्मिक नहीं हैं, बल्कि वैज्ञानिकता पर आधारित हैं। यदि इसका लाभ उठाना चाहते हैं तो पर्वों का जीवन में प्रयोग करके देखें। आध्यात्मिक दृष्टि से जब अलग-अलग स्थितियां बनती हैं तो वनस्पितियों, जड़ी-बूटियाें में, जल में औषधीय तत्व आते हैं। कुंभ में एक तरह से दैवीय शक्तियों का संगम होता है। जब हम संगम में स्नान करते हैं और कल्पवास करते हैं तो वह फलदायी होता है।
उन्होंने कहा कि यहां पर बहुत अच्छी व्यवस्था है। प्रशासन की ओर से जिम्मेदारी पूर्ण कार्य है और लोगों का सहयोग भी है। जन समूह स्वत: व्यवस्थित है। उन्हें निर्देशित कर दिया जाए कि यह करना है तो लोग उसी तरह से कर रहे हैं। इसलिए महाकुंभ व्यवस्थित हो पा रहा है। यह दुनिया के लिए एक उदाहरण है कि संसार की व्यवस्था को विकसित करना हो और जहां भावनाएं व श्रद्धा जुड़ जाए तो सबकुछ व्यवस्थित हो जाएगा। काशी विश्व आश्रम में दो दिन से योग शिविर चल रहा है। यह तीन दिन और चलेगा। सभी लोग आकर भाग ले सकते हैं।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?