यूपी: 'मस्जिदों के नीचे धर्मस्थल तलाशने पर लगे रोक', बरेलवी उलमा ने राष्ट्रपति से की ये मांगें
मुस्लिम एजेंडे में कहा गया है कि मस्जिदों के नीचे धर्मस्थल तलाशना गैर मुनासिब है। इस पर रोक लगाई जाए। साथ ही भीड़ हिंसा और मुस्लिम के खिलाफ दुष्प्रचार पर भी रोक लगे।
बरेली (आरएनआई) बरेली में आला हजरत खानदान के बुजुर्ग सदरुल उलमा हजरत तहसीन रजा खां के उर्स के मौके पर कुल के दौरान मुस्लिम एजेंडा जारी किया गया। खानकाह तहसीनिया के सज्जादानशीन मौलाना हस्सान रजा खां नूरी की ओर से यह एजेंडा राष्ट्रपति को भेजा गया है। इसमें भीड़ हिंसा और मुस्लिमों के खिलाफ दुष्प्रचार पर रोक लगाने, मस्जिदों के नीचे धर्मस्थल तलाशने पर रोक लगाने की मांग की गई।
उलमा ने कहा कि इबादतगाहों के खिलाफ साजिश नाकाम की जाए। दूसरे की जमीन या इमारत पर कब्जा करके मस्जिद नहीं बनाई जा सकती। लिहाजा, यह कहना सरासर गलत है कि दूसरे धर्मस्थलों को तोड़कर मस्जिदें बनाई गई हैं। एजेंडे में फलस्तीन और बांग्लादेश के हालात का जिक्र करते हुए भारत से हस्तक्षेप की अपेक्षा की गई है।
किसी धर्म या संप्रदाय को जलील करने के लिए महिलाओं के सम्मान से न खेला जाए। आजकल किसी संप्रदाय को जलील करने के लिए उससे जुड़ी महिलाओं के सम्मान से खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। बेहतर यही है कि शादियां अपने धर्म और संप्रदाय में हों। मीडिया में हिंदू-मुसलमान की डिबेट की वजह से देश की छवि खराब हो रही है। भारतीय उपमहाद्वीप में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, इसे रोका जाए।
भीड़ हिंसा के मामलों में जिसकी सरेआम हत्या कर दी जाती है, पुलिस आनन-फानन उस पर ही मुकदमा दर्ज कर लेती है। परिजनों को इंसाफ देने के बजाय कभी गोकशी तो कभी चोरी के इरादे से घर में घुसने के आरोप लगाकर मरने वाले को ही मुजरिम करार दे दिया जाता है। इस पर रोक लगनी चाहिए। इस्लामिक आतंकवाद जैसे घटिया दुष्प्रचार पर रोक लगाने, मुसलमानों के नाम पर जुर्म करने और झूठी धमकियां देने वालों पर कार्रवाई किए जाने की मांग की।
एजेंडे में कहा गया कि फलस्तीन पर इस्राइल के हमले रोकना अमनपसंद देशों की जिम्मेदारी है। भारत हमेशा फलस्तीन की संप्रभुता का समर्थक रहा है। लिहाजा, विस्तारवादी ताकतों को रोकने के लिए हर मुमकिन कोशिश करनी चाहिए। भारत ने इस्राइल को जो हथियार और युद्ध तकनीकी दी है, उसके इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए दबाव बनाना चाहिए। बांग्लादेश इन दिनों राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल से जूझ रहा है। भारत को इस स्थिति को सुलझाने में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।
जरी-जरदोजी सहित सभी तरह की दस्तकारी को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मुसलमानों को नहीं मिल पाता। विशेष अभियान चलाकर योजनाओं को आम मुसलमानों तक पहुंचाया जाए, ताकि दस्तकारी बची रहे और दस्तकार का घर भी चल सके। शिविर लगाकर दस्तकारों को योजनाओं की जानकारी और उनका लाभ दिया जाए। मुस्लिम बहुल इलाकों में स्कूल, कॉलेज और बैंक जैसी सुविधाएं बेहतर की जाएं, ताकि मुस्लिम भी देश की तरक्की में अपना किरदार निभा सकें।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6X
What's Your Reaction?