मलेरिया रोग की पहचान हेतु समस्त ज्वर रोगियों की शीघ्र जांच की जायेः-सीएमओ
हरदोई ( आरएनआई)मुख्य चिकित्सा अधिकारी रोहताश कुमार ने समस्त अधीक्षक/प्रभारी चिकित्सा अधिकारी सामु०स्वा०के०/प्रा० स्वा०के0 को निर्देशित किया है कि मलेरिया रोग उन्मूलन अभियान को गतिमान किये जाने के दृष्टिगत प्रत्येक वर्ष 01 जून से 30 जून तक एण्टी मलेरिया माह जून का आयोजन किया जाता है। इस वर्ष भी उक्त अवधि में एण्टी मलेरिया माह का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जन-समुदायों को मलेरिया रोग से बचाव एवं नियंत्रण के सम्बंध में जागरूकता उत्पन्न की जाये तथा रोग नियंत्रण हेतु की जा रही गतिविधियों में जन समुदायों की सहभागिता सुनिश्चित की जाये। मलेरिया रोग की पहचान हेतु समस्त ज्वर रोगियों का शीघ्र जांच की जाये एवं धनात्मक पाये गये पाये गये रोगियों का आमूल उपचार सुनिश्चित किया जाये। मलेरिया रोग के उन्मूलन हेतु आवश्यक है कि समस्त ज्वर रोगियों की मलेरिया की जांच अनिवार्य रूप से कराई जाये। राज्य सरकार द्वारा ऐसे जनपद जो मलेरिया रोग से सर्वाधिक प्रभावित हैं जिनमें कि अपना जनपद भी सम्मिलित है। अधिक प्रभावित क्षेत्रों में जनसंख्या के सापेक्ष कम से कम 10 प्रतिशत व्यक्तियों की जांच की जाये। एवं कम/मध्यम प्रभावित क्षेत्रों में जनसंख्या के सापेक्ष कम से कम 07 प्रतिशत व्यक्तियों की जांच अनिवार्य रूप सम्पादित कराई जायेताकि भारत सरकार अपेक्षित आवश्यक ए०बी०ई०आर० के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। आशा, ए०एन०एम०, सी०एच०ओ० व अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित कर लक्ष्य के सापेक्ष ए०बी०ई०आर० प्राप्त किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाये। समस्त मलेरिया धनात्मक रोगियों के सापेक्ष रोगी के परिवार के समस्त व्यक्तियों की एवं आसपास के कम से कम 50 घरों में सर्वेक्षण कर केस बेस्ड सर्विलांस (ज्वर ग्रसित व्यक्तियों की खोज एवं जांच) एवं सोर्स रिडक्शन गतिविधियां सम्पादित कराई जायें। अंतर्विभागीय समन्वय समिति के अन्तर्गत संचालित अन्य सहयोगी विभागों के सहयोग से जनपद के समस्त ब्लाकों में मच्छररोधी गतिविधियों कराई जायें। जन-सामान्य को मच्छर के प्रजनन स्थलों के विषय में अवगत कराते हुये घरों के अंदर एवं आसपास उपलब्ध जलपात्रों तथा कूलर की टंकी रेफ्रीजरेटर की ट्रे, गमलों के नीचे उपलब्ध प्लेट, टूटे फूटे एवं अनुपयोगी पात्र, नारियल के खोल छतों पर पडे कबाड पुराने टायर इत्यादि को हटाने अथवा उनमें से जल निकाल कर रगड़कर साफ करने हेतु व्यवहार परिवर्तन करते हुये जनसमुदाय का अपेक्षित सहयोग प्राप्त करते हुये समुदायिक सहभागिता सुनिश्चित की जाये। ग्राम स्तर पर मलेरिया रोग की त्वरित पहचान करते हुये उपचार हेतु निकटतम उपचार केन्द्र तक पहुचाने का कार्य आशा एवं ए०एन०एम० द्वारा किया जाये। ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति (वी०एच०एस०एन०सी०) के माध्यम से मलेरिया रोग से बचाव, व समय से रोगी का संदर्भन तथा जनपद में अवशेषी कीटनाशक का छिड़काव का कार्य यदि चल रहा है तो उस पर सतत निगरानी किये जाने के कार्य में सहयोग प्राप्त किया जाये। मलेरिया रोग की शीघ्र पहचान तथा मलेरिया पी०एफ० रोगी जिन्हे उपचार में समुचित लाभ न प्राप्त हो अथवा गम्भीर स्थिति होने पर अविलम्ब निकटतम उपचार केन्द्र पर पहुंचाया जाये।
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