मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पर केस, मंत्री धनंजय मुंडे के खिलाफ की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
महाराष्ट्र के परभणी में एक रैली के दौरान, जरांगे ने बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या को लेकर एनसीपी मंत्री मुंडे पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि यदि देशमुख के परिवार को कोई नुकसान पहुंचाया गया तो मराठा समुदाय मुंडे को सड़कों पर घूमने नहीं देगा।
बीड (आरएनआई) महाराष्ट्र के बीड जिले में रविवार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उनके खिलाफ मंत्री धनंजय मुंडे पर अपमानजनक टिप्पणी करने और समाज के दो वर्गों के बीच दरार पैदा करने का आरोप है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जरांगे के खिलाफ तुकाराम अघव नाम व्यक्ति ने शिकायत की, जिसके आधार पर परली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है।
शनिवार को परभणी में एक रैली के दौरान, जरांगे ने बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या को लेकर एनसीपी मंत्री मुंडे पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा कि यदि देशमुख के परिवार को कोई नुकसान पहुंचाया गया तो मराठा समुदाय मुंडे को सड़कों पर घूमने नहीं देगा।
जरांगे की इस टिप्पणी से मंत्री मुंडे के समर्थक नाराज हो गए। उन्होंने जरांगे के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की। मुंडे के समर्थकों ने शिवाजीनगर पुलिस स्टेशन के बाहर जरांगे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया।
बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का नौ दिसंबर 2024 को अपहरण कर लिया गया था। प्रताड़ित करने के बाद उनकी हत्या कर दी गई थी। देशमुख ने एक पवनचक्की परियोजना संचालित करने वाली ऊर्जा कंपनी से पैसे वसूलने के प्रयास को विफल करने का प्रयास किया था।
इस मामले में पुलिस ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है। मुंडे के सहयोगी वाल्मिक कराड भी जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार किए गए हैं।
अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) मामले की जांच कर रही है। देशमुख की हत्या ने जाति संघर्ष का रूप ले लिया है, क्योंकि देशमुख मराठा थे, जबकि अधिकांश आरोपी वंजारी हैं, जो बीड क्षेत्र में एक प्रमुख समुदाय है।
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