मराठा आरक्षण: 29 अगस्त को फिर से भूख हड़ताल करेंगे मनोज जरांगे; मांगें पूरी करने के लिए 6 जून की समयसीमा तय की
मनोज जरांगे के नेतृत्व में मराठा समुदाय मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने की मांग कर रहा है, ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जा सके।

छत्रपति संभाजीनगर (आरएनआई) मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने बुधवार को एलान किया कि वे 29 अगस्त को भूख हड़ताल करेंगे। कुनबी मराठों के खून के संबंधियों को लेकर कानून बनाने के लिए मसौदा अधिसूचना जारी करने की अपने समुदाय की मांग को लेकर उन्होंने यह बड़ा एलान किया। जालना जिले में अपने पैतृक गांव अंतरवाली सरती में बोलते हुए उन्होंने राज्य सरकार के सामने 6 जून की समयसीमा तय की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार इसे पूरा करने में विफल रहती है, तो समुदाय मुंबई में भूख हड़ताल की योजना पर आगे बढ़ेगा।
उन्होंने कहा, 'हम 29 अगस्त को मुंबई जाएंगे। हमने मराठा समुदाय से 'चलो मुंबई' का आह्वान किया है, क्योंकि हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है। सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर रही है।' जरांगे ने चेतावनी देते हुए कहा, 'मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से 6 जून से पहले मराठा समुदाय की मांग पूरी करने की अपील करता हूं। हमें उस समय तक अपनी सभी मांगें पूरी करनी होंगी। यह शैक्षणिक प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पहले हो जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो हम 29 अगस्त की अपनी योजना पर आगे बढ़ेंगे। हम स्थानीय निकाय चुनाव में किसी को जीतने नहीं देंगे।'
उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय मांगों के पूरा होने का धैर्यपूर्वक इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा, 'इस साल 30 जनवरी को हमने अपनी भूख हड़ताल स्थगित कर दी थी, क्योंकि हमें वादा किया गया था कि हमारी चार मांगों को तुरंत लागू किया जाएगा और उन्होंने ऐसा करने के लिए तीन महीने का समय मांगा था।'
जरांगे ने कहा कि समुदाय के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए हमने मुंबई जाकर भूख हड़ताल करने का फैसला किया है। उस समय तक किसान अपनी बुवाई का काम पूरा कर लेंगे। साथ ही पहलगाम आतंकी घटना के बाद वर्तमान में बहुत सी चीजें हो रही हैं, जो हमारे देश पर हमला है। उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय के सदस्य और उनके बच्चे तभी समृद्ध होंगे जब उन्हें आरक्षण मिलेगा।
जरांगे के नेतृत्व में मराठा समुदाय मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी करने की मांग कर रहा है, ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए ओबीसी श्रेणी में शामिल किया जा सके। राज्य सरकार ने मराठा समुदाय के उन सदस्यों को कुनबी प्रमाण पत्र देने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तय करने के लिए न्यायमूर्ति शिंदे की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय पैनल का गठन किया था, जिन्हें या जिनके पूर्वजों को निजाम-युग के दस्तावेजों में कुनबी कहा गया था। महाराष्ट्र में कुनबी (कृषि से जुड़ा समुदाय) अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आते हैं।
सरकार को रिपोर्ट सौंपने के लिए न्यायमूर्ति शिंदे समिति की प्रशंसा करते हुए जरांगे ने कहा कि सरकार रिपोर्ट स्वीकार करेगी और इसमें कोई शक नहीं है। मैं सरकार की भी सराहना करता हूं। पहलगाम आतंकी हमले पर उन्होंने कहा कि आतंकवादियों पर नरमी नहीं बरतनी चाहिए। पूरा देश इस मामले में सरकार के साथ है। जब ऐसे हमले होते हैं, तो दुश्मन को राख में मिला देना चाहिए। हम बम गोदाम में क्यों रख रहे हैं?
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