मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करने के लिए SC तैयार; CBI और ED से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई करने को सहमत हो गया। दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामलों में जमानत के लिए सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई के लिए शीर्ष अदालत सहमत हुआ है।
नई दिल्ली (आरएनआई) न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सिसोदिया की याचिकाओं पर केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा। वहीं, मामले की सुनवाई के लिए 29 जुलाई की तारीख तय की।
न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ, सिसोदिया की उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें उन्होंने आबकारी नीति से संबंधित भ्रष्टाचार और धनशोधन मामलों में अपनी याचिकाओं को फिर से शुरू करने के लिए एक आवेदन के साथ जमानत का अनुरोध किया था।
सीबीआई ने सिसोदिया को शराब नीति मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने उन्हें नौ मार्च 2023 को सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था। उन्होंने पिछले साल 28 फरवरी को दिल्ली मंत्रिमंडल से इस्तीफ दे दिया था।
उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार ने दिल्ली आबकारी नीति संबंधी कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में हैदराबाद के व्यवसायी अभिषेक बोइनपल्ली की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से मंगलवार को खुद को अलग कर लिया। जैसे ही मामला सुनवाई के लिए न्यायालय में आया, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा कि इस मामले की सुनवाई किसी अन्य पीठ के समक्ष की जाएगी क्योंकि न्यायमूर्ति कुमार इसकी सुनवाई नहीं करना चाहेंगे।
पीठ ने निर्देश दिया कि इस मामले को पांच अगस्त से शुरू होने वाले सप्ताह में किसी ऐसी अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया जाए, जिसमें न्यायमूर्ति कुमार शामिल नहीं हों। उसने निर्देश दिया कि बोइनपल्ली को दी गई अंतरिम जमानत की अवधि को अगले आदेश तक बढ़ाया जाए। बोइनपल्ली को उनकी पत्नी का स्वास्थ्य खराब होने के आधार पर जमानत पर रिहा किया गया था।
न्यायालय ने 20 मार्च को बोइनपल्ली को पांच सप्ताह की अंतरिम जमानत देते हुए इस बात पर गौर किया था कि बोइनपल्ली 18 महीने से हिरासत में हैं। पीठ ने बोइनपल्ली को जमानत पर रिहा करने का आदेश सुनाते हुए उनसे अपना पासपोर्ट जमा करने को कहा था और उन्हें निर्देश दिया था कि वह अपने गृहनगर हैदराबाद जाने के अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से बाहर कहीं नहीं जाएं।
बोइनपल्ली ने दिल्ली उच्च न्यायालय के तीन जुलाई, 2023 के आदेश को चुनौती दी है जिसने नौ अक्टूबर, 2022 को उनकी गिरफ्तारी की वैधानिकता पर सवाल खड़ा करने वाली उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2
What's Your Reaction?