मनीष सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुरक्षित, दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को दी है चुनौती
मनीष सिसोदिया की जमानत पर फैसला सुरक्षित, दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को दी है चुनौती
नई दिल्ली (आरएनआई) उच्चतम न्यायालय ने आबकारी नीति मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
आबकारी मामले में मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट की न्यायाधीश स्वर्णकांता शर्मा ने सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि मनीष सिसोदिया ने अपनी ताकत का दुरुपयोग किया और एक्साइज नीति तैयार करने में जनता का विश्वास तोड़ा। सिसोदिया बहुत प्रभावशाली हैं और जमानत मिलने पर सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त विद्यालयों में 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य करार देने वाले कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली राज्य सरकार तथा अन्य की याचिकाओं पर सितंबर में सुनवाई करेगा। भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने पक्षकारों को इन याचिकाओं पर 16 अगस्त तक जवाब देने का समय दिया है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि 'पश्चिम बंगाल के मामलों में याचिकाकर्ताओं के लिए लिखित दलीलें दाखिल करने का समय अगले शुक्रवार तक बढ़ा दिया जाएगा।' पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी हैं। उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल के फैसले से संबंधित 33 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे उच्चतम न्यायालय ने अब सितंबर में इन पर अंतिम सुनवाई करने का फैसला किया है। उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर एक याचिका भी शामिल है।
पीठ कलकत्ता उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों व गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य घोषित कर दिया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नियुक्तियों को रद्द करने के साथ-साथ सीबीआई को नियुक्ति प्रक्रिया की जांच करने और तीन महीने में एक रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया था। राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (एसएलएसटी)-2016 द्वारा विज्ञापित 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा दी। चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगे।
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