मनी लॉड्रिंग मामले के आरोपी पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी जेल से रिहा
बालाजी को पिछले साल 14 जून को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री के तौर पर उनपर नौकरी के बदले नकदी लेने का आरोप लगा था।
चेन्नई (आरएनआई) तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी सेंथिल बालाजी को मनी लॉड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद गुरुवार को चेन्नई की पुझल सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया। उनके जेल से निकलने के बाद समर्थकों ने ढोल बजाकर और फूल मालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया।
बालाजी को पिछले साल 14 जून को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री के तौर पर उनपर नौकरी के बदले नकदी लेने का आरोप लगा था। ईडी ने पिछले साल 12 अगस्त को बालाजी के खिलाफ 3,000 पेज की चार्जशीट दायर की थी। हाई कोर्ट ने 19 अक्तूबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी। इसके अलावा एक स्थानीय अदालत भी तीन बार उनकी जमानत याचिका खारिज कर चुकी थी।
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस. ओका और अगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने जमानत याचिका मंजूर की थी। बालाजी की जमानत पर प्रतिक्रिया देते हुए द्रमुक सांसद और वकील एनआर एलंगो ने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने वी सेंथिल बालाजी को जमानत दे दी है। उन्हें ईडी के एक मामले में 15 महीने से अधिक समय तक एक कैदी के रूप में रखा गया। इसमें काफी देरी हुई है। कुछ शर्तों के साथ जमानत दी गई। इन शर्तों के अनुसार, उन्हें सप्ताह में दो बार ईडी के सामने पेश होना होगा। गवाहों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी है और अपना पासपोर्ट जमा करना होगा।
वी. सेंथिल बालाजी की जमानत पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "471 दिन के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भाई सेंथिल बालाजी को जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट उन परिस्थितियों में एकमात्र उम्मीद है, जहां ईडी का इस्तेमाल विपक्षी पार्टियों के नेताओं को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। उन्हें लगता है कि वे भाई सेंथिल बालाजी को जेल में डाल कर उनके दृढ़ संकल्प को तोड़ सकते हैं।
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