'मन को प्रदूषित करने वाली फिल्में घातक', CM विजयन बोले- इनसे सार्वजनिक विचारों पर पड़ता है असर
सीएम विजयन ने शनिवार को एक समारोह में मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल को श्रीकुमारन थम्पी पुरस्कार प्रदान किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि फिल्म उद्योग को सिनेमाघरों और फिल्म क्षेत्र को दिखाए गए प्यार के बदले में जनता को नैतिक मूल्य या सबक देना चाहिए।
तिरुवनंतपुरम (आरएनआई) केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि फिल्म क्षेत्र में काम करने वालों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जो चीजें दिमाग को प्रदूषित कर सकती हैं वे सिनेमाघरों या फिल्म उद्योग में न हों, क्योंकि इस क्षेत्र में सार्वजनिक विचारों को प्रभावित करने की शक्ति है।
सीएम विजयन ने शनिवार को एक समारोह में मलयालम सुपरस्टार मोहनलाल को श्रीकुमारन थम्पी पुरस्कार प्रदान किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि फिल्म उद्योग को सिनेमाघरों और फिल्म क्षेत्र को दिखाए गए प्यार के बदले में जनता को नैतिक मूल्य या सबक देना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को बिना किसी डर के फिल्म उद्योग में आगे आने और अपने कलात्मक कौशल का प्रदर्शन करने की आजादी होनी चाहिए। उन पर कोई शर्त नहीं थोपी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, 'ऐसी कोई व्यवस्था नहीं होनी चाहिए जो कौशल विरोधी हो।' कहा कि राज्य सरकार फिल्म उद्योग में महिलाओं के लिए एक सुरक्षित कामकाजी माहौल प्रदान करने के लिए बाध्य है। यह सुनिश्चित करने के लिए उसने प्रभावी हस्तक्षेप किया है।
सीएम ने आगे कहा कि फिल्म क्षेत्र में महिलाओं से कुछ शिकायतें मिलने के बाद न्यायमूर्ति हेमा समिति का गठन महिलाओं के काम के अधिकार और उनकी गरिमा की रक्षा के लिए सरकार के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।
2017 के अभिनेत्री उत्पीड़न मामले और इसकी रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा होने के बाद केरल सरकार द्वारा न्यायमूर्ति हेमा समिति का गठन किया गया था।
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