मध्यप्रदेश के मानव अधिकार आयोग ने अलग अलग दो मामलों में संज्ञान लेकर कलेक्टर ओर एसपी से जवाब मांगा
जिसमे पहला मामला हॉस्टलों में भूखे रहे छात्रों के मामले में कलेक्टर से जवाब मांगा, वही दूसरे मामले में आरोन में मारपीट के मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक से जवाब तलब किया है
गुना। हॉस्टल में छात्रों को खाना न मिलने और भूखे रहने के मामले में मप्र मानव अधिकार आयोग ने गुना कलेक्टर से जांच कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है। गत दिनों हनुमान चौराहे पर हॉस्टल बचाओ संघर्ष समिति ने मेस की सुविधा बंद करने के खिलाफ प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यहां हॉस्टल के अधीक्षक दो दिन से विद्यार्थियों के खाने की व्यवस्था नहीं कर रहे हैं। इस वजह से छात्रों को भूखे पेट सोने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। विरोध प्रदर्शन के दौरान युवकों ने आरोप लगाया था कि शिक्षा पाने के लिए जिन मूलभूत आवश्यकताओं की जरूरत है, उन्हें तक उपलब्ध कराने में सरकार नाकाम रही है।
वही दूसरी ओर अन्य मामले में जिले के आरोन थानांतर्गत एक युवक के साथ बीते माह पुरानी रंजिश के चलते चार लोगों ने मारपीट कर दी। इस मामले में पीड़ित ने कई शिकायतें की फिर भी पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की। पीड़ित ने बीते मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंचा और कलेक्टर को दिए आवेदन में कहा था कि मारपीट करने वाले एक आरोपी जितेन्द्र के ससुर जिला न्यायालय गुना में पदस्थ हैं। वे जितेन्द्र की मदद कर रहे हैं। इसी के चलते आरोपियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एसपी गुना से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में पंद्रह दिन में जवाब मांगा है।
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