मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस
डीएमके के संगठन सचिव आर एस भारती ने कहा उनके विज्ञापनों को खारिज करने वाला चुनाव आयोग का आदेश अस्पष्ट, मनमाना और डीएमके के खिलाफ पूर्वाग्रह से भरा हुआ था।
चेन्नई (आरएनआई) मद्रास हाईकोर्ट ने चुनावी विज्ञापनों से जुड़े मामले में सोमवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मामले में चुनाव आयोग को नोटिस जारी क जवाब मांगा है। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस वी गंगापुरवाला और न्यायमूर्ति सत्य नारायण प्रसाद की पीठ ने चुनाव आयोग को 17 अप्रैल तक का समय दिया है। पीठ ने यह आदेश डीएमके द्वारा दाखिल याचिका पर दिया है। पीठ ने कहा है कि मामसे की अगली सुनवाई के लिए बुधवार का दिन तय किया है।
द्रमुक ने चुनाव आयोग के पास अपने चुनाव प्रचार के लिए 'स्टालिन भारत की रक्षा करने का आह्वान करता है' शीर्षक वाले कुछ विज्ञापनों को पूर्व प्रमाणन के लिए भेजा था। इन विज्ञापनों में स्टालिन सरकार द्वारा तमिलनाडु में कराए गए विकास कार्यों, उनकी उपलब्धियों का वर्णन था। द्रमुक ने अपने प्रस्ताव में इन विज्ञापनों को टेलीविजन पर प्रसारित करने के लिए सहमति मांगी थी। द्रमुक के संगठन सचिव आर एस भारती ने कहा कि चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुपालन में राज्य स्तरीय प्रमाणन समिति के पास यह प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन उनका प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। इसके बाद द्रमुक ने एक बार फिर अपील की। जिसे मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 4 अप्रैल को बिना कोई विशेष कारण बताए दोबारा खारिज कर दिया। इसके बाद मजबूरन हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करनी पड़ी।
डीएमके के संगठन सचिव आर एस भारती ने कहा उनके विज्ञापनों को खारिज करने वाला चुनाव आयोग का आदेश अस्पष्ट, मनमाना और डीएमके के खिलाफ पूर्वाग्रह से भरा हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि इसी तरह के विज्ञापन अन्य राज्यों और राष्ट्रीय स्तर के राजनीतिक दलों द्वारा चलाए जा रहे हैं, इनमें से कई ने डीएमके को भी निशाना बनाया है, लेकिन उन्हें इसकी सहमति दी गई।
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