मद्द निषेध सप्ताह का किया गया शुभारंभ, नशे से दूर रहने एवं जागरूक करने के लिए लोगों को दिलायी गई शपथ
गुना (आरएनआई) 02 अक्टूबर गाँधी जयंती के उपलक्ष्य में मन समिति द्वारा संचालित मन मनोचिकित्सा संस्थान और नशा मुक्ति नर्सिंग होम, जिला चिकित्सालय गुना एवं सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग गुना द्वारा मद्द निषेध सप्ताह का शुभारम्भ किया गया।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि अरविन्द धाकड़ जिला पंचायत अध्यक्ष गुना, कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह, प्रथम कौशिक सीईओ जिला पंचायत तथा जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. आर.एस.भाटी, सी.एस.पी.भरत नौटियाल, डॉ रामबीर रघुवंशी, डॉक्टर अनिल विजयवर्गीय एवं अन्य चिकित्सकगण उपस्थित रहे।
कार्यशाला का शुभारम्भ सरस्वती वंदना से किया गया। कलेक्टर द्वारा नशा मुक्ति के लिए सभी लोगों को शपथ दिलवाई। समारोह में उपस्थित सभी अतिथिगण, चिकित्सक, छात्र- छात्राएं एवं मरीजों तथा उनके परिवारजनों ने नशे से दूर रहने और लोगों को जागरूक करने की शपथ ली। कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष अरविन्द धाकड़ ने नशे से बचाव एवं नशे के समाज पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दी साथ ही नशामुक्त जनजागरूकता कार्यक्रमों को जिला स्तर के साथ साथ पंचायत एवं ग्रामीण स्तर पर ले जाने की सलाह दी, साथ ही स्वयं द्वारा सहायता एवं संपूर्ण योगदान देने की बात कही।
कार्यक्रम में उपस्थित सी.एस.पी भरत नौटियाल ने बताया कि, लोग अपने परिवार तक ही सीमित रहते हैं, घर के साथ साथ घर के बाहर का वातावरण भी नशामुक्त बनाया जा सके, जिस से लोगों को नशे के कारण होने वाले अपराधों से बचाया जा सके। जिला पुलिस गुना नशे के खिलाफ शक्त कार्यवाही कर रही है।
कार्यक्रम में डॉ. रामबीर रघुवंशी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन एवं सेवा भारती के अध्यक्ष ने उपस्थित मरीजों और परिवारजनों को नशे से दूर रहने के उपाय के बारे में जानकारी दी। आज समाज की रीड कहे जाने वाले युवा जो नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं, उन्हें कैसे नशे से दूर रखा जा सकता है, के बारे में जानकारी दी।
मन मनोचिकित्सा संस्थान एवं नशा मुक्ति केंद्र के डायरेक्टर डॉ. अनिल विजयवर्गीय ने बताया कि यह संस्था 2018 से नियमित रूप से नशे के क्षेत्र में कार्य कर रही है जिसको भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय दिल्ली द्वारा अक्टूबर 2023 में निशुल्क जिला नशामुक्ति केंद्र (DDAC) के रूप में चिन्हित किया गया, जहाँ हर महीने की 02 तारीख को नशा मुक्ति केंद्र में निःशुल्क भर्ती होती है। जिसमें अभी तक 180 मरीज भर्ती होकर निशुल्क उपचार ले चुके हैं। नशा छोड़ने वालों की दर अभी तक 50 - 60 % रही है, बाकी लोग विभिन्न कारणों से पुनः नशा शुरू कर देते हैं उन्हें चिन्हित कर पुनः उपचार के लिए जागरूक किया जाता है।
कार्यक्रम में जिला नशामुक्ति केंद्र की प्रोजेक्ट मेनेजर श्रीमती यशा जैन द्वारा प्रोजेक्ट के 3 अभिन्न अंगों के बारे में जानकारी दी जिसमें समुदाय आधारित सहकर्मी-नेतृत्व हस्तक्षेप (सीपीएलआई) के अंतर्गत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बीच कार्य करते हैं, इस में गुना शेहर के चिन्हित उच्च जोखिम क्षेत्र में बच्चों को खेलकूद एवं प्रचार प्रसार के माध्यम से समझाइश दी जाती है, जिसमें द्वितीय स्तर पर आउटरीच और ड्राप इन सेंटर द्वारा वह लोग जो नशा पुनः शुरू कर देते हैं उन्हें चिन्हित कर सेंटर पर लाने की कोशिश की जाती है ताकि उनका पुनः उपचार किया जा सके।
कार्यक्रम में उपस्थित विशेषज्ञों ने बताया -
डॉ भावना मुकुंद, क्लिनिकल साइकोलॉजी विशेषज्ञ द्वारा काउंसलिंग के विभिन्न प्रकार, चिकित्सक की भूमिका के बारे में जानकारी दी साथ ही बताया कि नशे के उपचार में दवाइयों के साथ साथ मनोवैज्ञानिक सलाह, मार्गदर्शन, व्यक्तिगत परामर्श, योग थेरेपी, मल्टीबिहेवियर थेरेपी, अवर्जन थेरेपी तथा मोटिवेशनल थेरेपी जो कि नशे से पीड़ित लोगों के उपचार में अति महत्वपूर्ण है. अभिभावकों को सलाह दी की वह अपने बच्चों पर निगरानी रखें, इनके दोस्त कोन है एवं पैसा कैसे खर्च करते है साथ ही इनके व्यवहार में कोई अंतर तो नहीं आया है।
डॉ राममोहन गुर्जर, मानसिक रोग विशेषज्ञ द्वारा नशे के उपचार में प्रयोग होने वाली दवाइयों, नशे के शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव एवं नशे से मुक्त होने के विभिन्न तरीकों के बारे में जानकारी दी साथ ही बतलाया कि नशा हमारे साथ साथ हमारे परिवार, समाज इत्यादि पर गहरा प्रभाव डालता है नशे के कारण ग्रसित परिवार सामाजिक एवं आर्थिक रूप से भी कमजोर हो जाता है। नशे के प्रकार जैसे की गुटखा, तम्बाकू, बियर, अल्कोहल, गांजा, भांग, ब्राउन सुगर, स्मैक, इंजेक्टेबल नशे एवं सिंथेटिक नशे के बारे में जानकारी दी. साथ ही बताया की हर प्रकार के नशे को दूर करने के लिए अच्छी दवाईयां है जिंसे नशा ना करने पर होने वाली परेशानियों को दूर कर सकते है।
कार्यक्रम का संचालन एम फिल क्लिनिकल साइकोलॉजी विभाग के ट्रेनीज मिस श्रेया रघुवंशी के साथ मिस रिशिका सिमरन मुख़र्जी द्वारा किया गया एवं आभार अनिल श्रीवास्तव कोषाध्यक्ष मन समिति द्वारा किया गया।
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