मणिपुर में मानवता को शर्मसार करने वाली निद्नीय एवं अनैतिक हिंसात्मक घटनाओं को लेकर केंडल मार्च
गुना। मध्य प्रदेश की धरती पर छात्र, छात्राए, सामाजिक जन, आदिवासी युवा शक्ति संगठन के समर्पित कार्यकर्ताओं द्वारा निषेध रैली केंडल मार्च निकाला गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए।
हवा चलने के कारण कैंडल नहीं जल पा रहे थे। ऐसी स्थिति में सभी ने अपने अपने मोबाइल का फ्लश लाइट चलाकर शांतिपूर्ण मौन होकार कैंडल मार्च करते हुए कैंडल मार्च का अंबेडकर चौराहा, हनुमान चौराहा, सदर बाजार , लक्ष्मीगंज होते हुए जय स्तंभ चौराहे पर समापन किया गया।
जय स्तंभ चौराहे पर पहुंचकर जयस कार्यकर्ताओं ने भाजपा की केंद्र सरकार और मणिपुर की सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर किया समापन।
जयस के जिला अध्यक्ष रणविजय भुरिया ने कहा कि आदिवासियों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं, लेकिन मणिपुर की घटना दिल दहलाने वाली है। इसकी घोर निन्दा आदिवासी समाज करता है। देश में इस तरह के बुरे दिन आज तक देखने को नहीं मिला था कहां गई केंद्र सरकार का राष्ट्रपति शासन।
देश में भी राष्ट्रपति आदिवासी है फिर भी इतने घोर अपराध शायद कभी पूर्व में नहीं हुए थे। पिछले कई महीनों से मणिपुर में घटना हो रही है वहां की सरकार व केंद्र सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाया इसके परिणाम है कि आज बहन बेटियों का यह हाल हो रहा है।
आदिवासी महिलाओं का देश के संपूर्ण महिलाओं का अपमान है। जब निर्भया कांड हुआ था तो पूरा देश रोया था। पूरे देश के सभी सर्व समाज ने इसका विरोध प्रदर्शन किया था और जब आदिवासियों के साथ हुआ है तो ?
भाजपा की सरकार यदि केंद्र सरकार उचित कदम नहीं उठाती है तो आदिवासी समाज अभी अपने इतिहास को नहीं भूला है। हम आदिवासियों का हथियार तीर कमान और गोफन होता है इसमें किसी भी प्रकार का लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है न किसी सरकार को हिसाब देना पड़ता है। सुधर जाओ यदि हम अपनी पर आ गए तो देश के आदिवासी बलिदान हुए महापुरुष के इतिहास गवाह हैं।
कैंडल मार्च में सीताराम भील जिला कार्यकारिणी अध्यक्ष,जयपाल जामोद जिला प्रभारी, पंचम भील जिला पंचायत सदस्य, राकेश भील जिला महामंत्री, सालम भिलाला बमोरी ब्लॉक अध्यक्ष, जे एल चोपड़ा, महेंद्र भील, दिलीप पाल, पदम भिलाला माधव सिंह, सुनील, गेंदालाल, ललित और समस्त जयस सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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