मणिपुर में हथियारों के जखीरे के साथ तीन गिरफ्तार, दो हजार से अधिक जवान तैनात; इंटरनेट पर रोक बढ़ी

गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, काकचिंग, बिष्णुपुर, थौबल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, फेरजावल और जिरीबाम में 5 दिसंबर की शाम 5.15 बजे तक निलंबन बढ़ा दिया गया है।

Dec 4, 2024 - 09:00
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मणिपुर में हथियारों के जखीरे के साथ तीन गिरफ्तार, दो हजार से अधिक जवान तैनात; इंटरनेट पर रोक बढ़ी

मणिपुर (आरएनआई) मणिपुर सरकार ने मंगलवार को राज्य के नौ जिलों में मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध 5 दिसंबर तक बढ़ा दिया। मणिपुर और असम में क्रमशः जिरी और बराक नदियों में तीन महिलाओं और तीन बच्चों के शव बरामद होने के बाद राज्य में हिंसा भड़कने के बाद 16 नवंबर से इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से निलंबित हैं। उधर, इंफाल पूर्व में पुलिस ने तीन लोगों को हथियार और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया है। इनके साथ एक नाबालिग को भी हिरासत में लिया गया हे। वहीं, वहीं, 25 नवंबर से लापता मैतेई व्यक्ति की तलाश के लिए सेना ने 2,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है।

गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, काकचिंग, बिष्णुपुर, थौबल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, फेरजावल और जिरीबाम में 5 दिसंबर की शाम 5.15 बजे तक निलंबन बढ़ा दिया गया है। बता दें कि स्वास्थ्य सुविधाओं, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य कार्यालयों को होने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 19 नवंबर को ब्रॉडबैंड सेवाएं (आईएलएल और एफटीटीएच) पर से प्रतिबंध को हटा दिया था।

मणिपुर एकता समन्वय समिति (सीओसीओएमआई) ने मंगलवार को केंद्र सरकार से भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा करने और सशस्त्र उग्रवादी समूहों के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने की मांग की। यह समिति मणिपुरी मैतेई नागरिक समाज संगठनों का एक छत्र संगठन है। समिति ने कहा कि सुरक्षा बलों और कूकी सशस्त्र समूहों के बीच मिलीभगत के आरोपों की पारदर्शी जांच की जानी चाहिए। केंद्र को भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा करने और राज्य में उग्रवादी समूहों के बुनियादी ढांचे को निर्धारित समय में नष्ट करने के लिए निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, संघर्ष, अफीम की खेती, अवैध हथियारों की तस्करी, नशीले पदार्थों की तस्करी और मणिपुर में जनसांख्यिकी संतुलन को बहाल करने के लिए एक समग्र रणनीति की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि मणिपुर में पिछले साल मई से जारी हिंसा में अब तक करीब 258 लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं।

इंफाल पूर्व जिले में हथियारों और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार आरोपियों की पहचान निमगोंबम लेम्बा सिंह, मंगशाताबम पोइरेंगांबा मितेई और लैशराम बिद्यास सिंह के रूप में हुई है। उनके साथ एक नाबालिग को भी हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने इनके पास से एक राइफल, एक मैगजीन और पांच कारतूस, एक .32 पिस्तौल के साथ मैगजीन, तीन मोबाइल फोन और एक चार पहिया वाहन बरामद किया है।

पुलिस ने बताया कि इन सभी को गांव सबल लेकाई से उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वे वसूली और अन्य आपराधिक गतिविधियों के मकसद से घूम रहे थे। एक अन्य मामले में कंगपोकपी जिले के लोइबोल खुनौ में पुलिस तलाशी अभियान के दौरान एक स्नाइपर, एक संशोधित एम-79 ग्रेनेड लांचर जिसे स्थानीय रूप से 'लैथोड गन' कहा जाता है, दो 9 मिमी पिस्तौल और मैगजीन, एक एसबीबीएल शॉटगन और गोला-बारूद बरामद किया गया।

चुराचांदपुर में मंगलवार को भारत-म्यांमार फ्री मूवमेंट रेजिम (एफएमआर) को समाप्त करने के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। यह प्रदर्शन यूनाइटेड जो संगठन (यूजेडओ) के नेतृत्व में 'वॉल ऑफ रिमेम्ब्रेंस' के पास सुबह हुआ।  प्रदर्शनकारियों ने पोस्टर और प्लेकार्ड्स के साथ सरकार के निर्णय के खिलाफ नारे लगाए और सीमा की बाड़बंदी को लेकर विरोध जताया।  प्रदर्शनकारियों ने कहा, कोई भी सीमा हमारी सांस्कृतिक संबंधों को नहीं तोड़ सकती।  इस प्रदर्शन में सायकोट विधायक पाओलियनल हाओकिप, हेंगलेप विधायक लेत्जामंग हाओकिप और सिंग्नगाट विधायक चिनलुंथांग, साथ ही विभिन्न कूकी-जो जनजातियों के नेता शामिल हुए। विरोध प्रदर्शन के बाद यूजेडओ नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह को संबोधित एक ज्ञापन उप जिलाधिकारी धरण कुमार को सौंपा। एजेंसी

सेना ने लापता मैतेई व्यक्ति की तलाश के लिए 2,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। सेना के अनुसार, लैशराम कमल बाबू सिंह 25 नवंबर से लापता हैं। वह असम के कछार जिले का निवासी हैं और इंफाल पश्चिम के खुकरुल में रहता था। लापता होने से पहले लैशराम सैन्य अभियंता सेवा (एमईएस) के लिए ठेकेदार पर्यवेक्षक के रूप में 57वीं माउंटेन डिवीजन के लेइमाखोंग सैन्य स्टेशन पर काम कर रहा था। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सैन्य अधिकारियों से उनकी तलाश करने को कहा है। पुलिस के मुताबिक लैशराम कमल बाबू (55) के लिए भारतीय सेना की मदद से बड़े पैमाने पर संयुक्त तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। भारतीय सेना ने उन्हें ढूंढने के लिए 2,000 से अधिक सैनिकों, हेलिकॉप्टरों, ड्रोन और सेना के ट्रैकर डॉग्स तैनात किए हैं।

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