मणिपुर: कांगपोकपी में एसपी ऑफिस पर पत्थर और पेट्रोल बम से किया गया हमला
प्रदर्शनकारी कांगपोकपी जिले में साइबोल गांव में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। केंद्र के इस फैसले से गुस्साई भीड़ ने एसपी कार्यालय पर हमला कर दिया।
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इंफाल (आरएनआई) मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। अब यहां के कांगपोकपी जिले में शुक्रवार को दंगा भड़क गया। हिंसक भीड़ ने पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पर पथराव और पेट्रोल बम से हमला कर दिया। इससे एसपी मनोज प्रभाकर घायल हो गए और कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। सुरक्षाबलों ने भीड़ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पर्याप्त बल का प्रयोग किया और स्थिति पर काबू पा लिया। हिंसा के बाद इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारी कांगपोकपी जिले में साइबोल गांव में तैनात केंद्रीय सुरक्षा बलों को वापस लेने की मांग करते हुए सीओटीयू के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे थे। तभी हिंसक भीड़ ने पुलिस अधीक्षक कांगपोकपी के कार्यालय पर पथराव और पेट्रोल बम से हमला कर दिया।
उन्होंने आगे कहा कि हालात फिलहाल नियंत्रण में हैं। क्षेत्र पर करीब से नजर रखी जा रही है। वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए संयुक्त सुरक्षा बलों भारी संख्या में तैनाती की गई है। वहीं, पुलिस ने बताया कि पथराव के अलावा प्रदर्शनकारियों ने एसपी कार्यालय पर पेट्रोल बम से भी हमला किया था।
उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों और हमलावरों के बीच झड़प के दौरान पुलिसकर्मियों और प्रदर्शनकारियों सहित कई अन्य लोगों को भी चोटें आईं। घटना में घायल हुए एसपी और कई अन्य लोगों को भी अस्पतालों में ले जाया गया। फिलहाल पुलिस अधीक्षक की हालत सही है।
साइबोल गांव में 31 दिसंबर को सुरक्षा बलों द्वारा महिलाओं पर कथित लाठीचार्ज के खिलाफ कुकी संगठन ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू किया था। केंद्रीय बलों विशेषकर बीएसएफ और सीआरपीएफ की निरंतर तैनाती पर अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए दोपहर से ही बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी एसपी कार्यालय के सामने इकट्ठा हुए थे।
पिछले हफ्ते, सुरक्षाबलों ने समूहों के बीच गोलीबारी के बाद गांव और उसके परिधीय क्षेत्रों में अभियान चलाया था, जिसमें एक पुलिसकर्मी सहित चार लोग घायल हो गए थे। ऑपरेशन के बाद कांगपोकपी जिला स्थित आदिवासी एकता समिति (सीओटीयू) ने राष्ट्रीय राजमार्ग 2 (इंफाल से दीमापुर) के महत्वपूर्ण परिवहन मार्ग पर अनिश्चितकालीन नाकाबंदी कर दी थी। सीओटीयू ने शुक्रवार को जिले में 24 घंटे का बंद भी बुलाया था।
मई 2023 से मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
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