मजनूं का टीला के हिंदू शरणार्थियों में जश्न का माहौल

करीब पांच साल पहले पैदा हुई हमारी बच्ची, जिसका नाम नागरिकता है और अब आया नया कानून। अब तक भारत में आशियाना था, अब हमें पहचान भी मिल गई है। यह कहना है पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आई हिंदू शरणार्थी आरती का।

Mar 13, 2024 - 02:00
 0  837
मजनूं का टीला के हिंदू शरणार्थियों में जश्न का माहौल

नई दिल्ली (आरएनआई) भारत ने हमें एक नहीं, दो नागरिकता दी हैं। करीब पांच साल पहले पैदा हुई हमारी बच्ची, जिसका नाम नागरिकता है और अब आया नया कानून। अब तक भारत में आशियाना था, अब हमें पहचान भी मिल गई है। यह कहना है पाकिस्तान के सिंध प्रांत से आई हिंदू शरणार्थी आरती का। आंखों में खुशी के आंसू लिए वह बताती हैं कि वर्ष 2019 में जब सीएए राज्यसभा में पारित हुआ था, उसी दिन उनकी बच्ची ने मजनू का टीला स्थित शरणार्थी कैंप में जन्म लिया था। ऐसे में बच्ची का नाम ‘नागरिकता’ रखा था। आरती बताती हैं कि वह वर्ष 2015 में भारत आई थी और बेटी नागरिकता अब पांच वर्ष की हो चुकी है। अब नागरिकता भारत की नागरिक बनेगी। उन्होंने कहा कि भारतवासी होने की पहचान मिलने का लंबे अरसे से इंतजार था जो अब खत्म हो गया है।

पाकिस्तान से प्रताड़ित होकर यहां पहुंचे हिंदू शरणार्थियों में खुशी की लहर है। बच्चे, महिलाएं व बुजुर्गों एक-दूसरे के चेहरे पर गुलाल लगाते दिखे। मंगलवार को शरणार्थी कैंपों में हवन के साथ पूजा-अर्चना की गई। इसी तरह का अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों में खुशी का माहौल देखने को मिला। तिलक नगर, रोहिणी, छतरपुर व आदर्श नगर अन्य इलाकों में देर रात तक जश्न मनाया गया। कृष्णा पार्क व राजू पार्क में भी बड़ी संख्या में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी रह रहे हैं। सिंधी समाज से ताल्लुक रखने वाले हिंदू शरणार्थियों ने खुशी जाहिर की। वहीं, एक दूसरे को मिठाई खिलाई। यहां रह रहे लोगों ने कहा कि यह लंबे अरसे से अपनी पहचान की लड़ाई की जीत है। यही नहीं पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों ने वीडियो कॉल के माध्यम से अपने रिश्तेदारों को यहां का माहौल भी दिखाया।

कच्ची संकरी गलियां, उबड़-खाबड़ रास्ता, बेतरतीब तरीके से बनी झुग्गियां, खुले में फैला कूड़ा व बहता गंदा पानी... यह नजारा है मजनू का टीले के पास स्थित पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थी बस्ती का। सुविधाओं के अभाव में लंबे समय से रह रहे शरणार्थियों की बस्ती की अब तस्वीर बदलेगी। लोगों का कहना है कि मजबूत इरादों के साथ अब वह अपने पक्के घर बनाएंगे। यह शरणार्थी वर्ष 2011 में पाकिस्तान से आए रह रहे हैं। कैंप के प्रधान दयाल दास ने बताया कि पाकिस्तान से आए 160 से अधिक परिवारों के 750 से अधिक लोग रहते हैं।

नागरिकता न होने की वजह यह लोग दिल्ली से बाहर नहीं जा सकते हैं। अब नागरिकता मिलने के बाद विभिन्न राज्यों में रोजगार के लिए आ-जा सकते हैं। इससे रोजगार के अवसर मिलेंगे। यहां रहने वाली सुधा कहती हैं कि पुरुषों के साथ महिलाएं भी सशक्त होंगी। पाकिस्तान में महिलाओं को अक्सर बाहर नहीं भेजा जाता था। लेकिन, यहां महिलाएं, पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। वह बताती हैं कि उनका सपना शिक्षक बनने का है। वह स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के कार्य करेंगी। वहीं, युवा अब उच्च स्तरीय शिक्षा हासिल कर सकेंगे। यहां रहने वाले मोहित का कहना है कि उनका सपना सिविल परीक्षा पास कर प्रशासनिक अधिकारी बनने का है। वह कहते हैं कि सभी लोग विकसित देश बनाने में मदद करेंगे।

हिंदू शरणार्थी में कुछ के आधार कार्ड व मतदाता कार्ड तो बन गए, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है। नागरिकता मिलने के बाद वह सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे। पाकिस्तान से वर्ष 2015 में आई रानी ने बताया कि वहां भी लकड़ी के चूल्हे में खाना बनाती थी, जिससे अक्सर तबीयत खराब हो जाती थी। हाल अभी यहां भी है। लेकिन, अब यह हालात बदल जाएंगे। सरकार की उज्ज्वला योजना के तहत गैस-सिलेंडर का लाभ उठा सकती हैं।

Follow the RNI News channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2Xp81Z

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.