मंदिर परिसर में RSS पर रोक को लेकर केरल के मंत्री की सफाई
मीडिया से बात करते हुए राधाकृण्णन ने कहा कि धार्मिक स्थानों पर हमेशा शांति बनाकर रखना चाहिए। वहां ऐसा वातावरण होना चाहिए, जिसमें श्रद्धालु आकर शांति से प्रार्थना कर सकें। इसका मतलब ये नहीं कि किसी को भी धर्मस्थलों में जाने से रोका जाएगा।
तिरुवनंतपुरम, (आरएनआई) केरल के देवस्वम मंत्री के. राधाकृषणन ने त्रावणकोर देवस्वम बोर्ड (टीडीबी) द्वारा मंदिरों के परिसरों में आरएसएस की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने वाले सर्कुलर को उचित ठहराते हुए इसका कारण बताया है। उन्होंने बताया कि ऐसा केवल मंदिर में शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने के लिए किया गया है।
देवस्वम कमिश्नर ने पिछले सप्ताह सर्कुलर जारी किया था। इस पर केरल के मंत्री ने बताया कि इस सर्कुलर का उद्देश्य किसी को भी मंदिर के परिसर में प्रवेश करने से रोकना नहीं था। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस पर विवाद करना पूरी तरह से अनुचित है।
के. राधाकृष्णन का यह बयान तब आया जब सोशल मीडिया पर दक्षिणपंथ ने टीडीबी के सर्कुलर की आलोचाना करने के साथ वामपंथ पर संघ परिवार को धार्मिक स्थानों से दूर रखने का आरोप लगाया। बता दें कि टीडीपी एक सर्वोच्च मंदिर निकाय है, जो त्रावणकोर क्षेत्र में सभी मंदिरों का प्रबंधन करती है।
धार्मिक स्थानों पर हमेशा शांति बनाकर रखना चाहिए। वहां ऐसा वातावरण होना चाहिए, जिसमें श्रद्धालु आकर शांति से प्रार्थना कर सकें।' उन्होंने आगे कहा, 'इसका मतलब ये नहीं कि किसी को भी धर्मस्थलों में जाने से रोका जाएगा। मंत्री ने सभी से इस तरह से बहस से बचने की भी अपील की है।
टीडीबी ने पिछले सप्ताह एक नया सर्कुलर जारी किया था, जिसमें आरएसएस के कार्यकर्ताओं के मंदिर के परिसरों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया। देवस्वम कमिश्नर द्वारा जारी की गई सर्कुलर के अनुसार नामजाप प्रदर्शन यानी की मंत्रोच्चारण के साथ प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं को मंदिरों के परिसरों में प्रवेश पर रोक लगाया गया है। 20 अक्तूबर को जारी सर्कुलर में देवस्वम ने सतर्कता विंग को मंदिर के परिसरों में छापेमारी का भी आदेश दिया है, जिससे की मंदिरों में चलाए जा रहे हथियार प्रशिक्षण या सामूहिक अभ्यास को रोका जा सके।
मंदिरों के कर्मचारियों और पुजारियों को भी परिसर में उपस्थित ऐसे संगठनों के बारे में टीडीपी को जानकारी देने का आदेश दिया गया है। यदि वे ऐसा करने से चूकते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मंदिरों में किसी भी तरह की तस्वीर या झंडे (जिसका मंदिर से कोई लेना-देना नहीं है) को लेकर प्रवेश करने पर भी रोक लगाया गया है।
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