भ्रष्टों को भ्रष्ट कहने का साहस समाजवादी चिंतक डॉ. लोहिया में ही था मोदी जी

Aug 5, 2023 - 18:47
Aug 5, 2023 - 18:46
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भोपाल। (आर एन आई) भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल के नौ सालों में विकास के यात्रा की जो पुस्तकें इन दिनों भाजपाईयों द्वारा वितरित की जा रही हैं, उसमें महिलाओं के दो प्रकार के बेइज्जत होने का उल्लेख डॉ. राममनोहर लोहिया के नाम से किया गया तो वहीं मणिपुर में जो हिंसा हो रही है, उसका दोष मिटाने के लिए डॉ. लोहिया के नेहरु जी को लेकर मणिपुर की समस्या पर दिए गए लोहिया के बयान का उल्लेख कर भाजपाईयों ने हो हल्ला मचाया? लकिन यह सभी जानते हैं कि मोदी के नो वर्ष के शासनकाल में देश दुनिया में भाजपा की छवि सुधरी है? अमेरिका जैसे राष्ट्र के राष्ट्रपति ने भी प्रधानमंत्री मोदी के कार्यों की बेहद प्रशंसा की है? जिन मुस्लिमों को लेकर भाजपा राजनीति रोटी सेंक रही है? उसी मुस्लिम बाहुल राष्ट्र के राष्ट्रप्रमुख ने गले लगाया था? यही नहीं आज मोदी की नीतियों के बदौलत दुनियाभर में भारत की प्रश्ंासा की जा रही है और भारत की छवि भी सुधर रही है? लेकिन अपने शासन की कमियों को छुपाने के लिए डॉ. लोहिया का उल्लेख किया गया, क्या उन भाजपाईयों को यह नहीं मालूम की डॉ. लोहिया में वह साहस था कि जब उनके ही दल की केरल में बनी सरकार का उन्होंने खुद विरोध किया था तथा लोहिया हमेशा कहते थे कि सत्ताधारियों की दो जुबाने होती हैं? इसका उदाहरण भाजपा के शासनकाल में दिखाई दे रहा है? जब इन भाजपाईयों को मप्र में कांग्रेस को सत्ता के बेदखल करना था तो भाजपा की फायर ब्रांड नेता का जमकर उपयोग किया था, उन्हीं की बदौलत भाजपा की प्रदेश में सत्ता पर काबिज हुई? लेकिन अब सीएम शिवराज सिंह चौहान लाड़ली बहनाओं को लेकर बड़े-बड़े बयान करते नहींं थकते और वह यह भी कहते नहीं थकते कि हमारी बहनों के सम्मान करने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा उनके इस दावे के बाद यह सवालउठता है कि जिन उमा भारती के कारण भाजपा को सत्ता हासिल हुई? क्या वह किसी की बहन नहीं थीं? इन्हीं भाजपाईयों ने साजिश रचकर सत्ता से उन्हें बेदखल किया? सवाल यह उठता है कि जिन लाड़ली बहनों के सम्मान करने की रक्षा करने की बात सीएम आयेदिन कहते नहीं थक रहे हैं बल्कि निजी टीवी चैनलों पर जो विज्ञापन जारी होते हैं उसमें सीएम के विज्ञापन को देखकर उनके दिमाग में यह बात उठती है, सवाल यह उठता है कि सत्ता के लिये तो भाजपा के लोग कहते नहीं थक रहे हैं? क्या मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी के वह १४ लोग वहां के प्रतिनिधि सीएम शिवराज के चहेते मंत्री जगदीश देवड़ा के निर्वाचन क्षेत्र में उन्हीं के शराब कारोबारी के यहां से बेची गई जहरीली शराब से उन मतदाताओं की मौत हुई थी? क्या इन १४ मतदाताओं के जिनकी मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी वह मामा के लाड़ली बहनों के पति नहीं थे? जिनकी आबकारी मंत्री देवड़ा च हतेके शराब ठेकेदार के यहां से बिकी जहरीली शराब का सेवन करने से १४ लोगों की मौत हो गई थी? यही नहीं उस समय न जगदीश देवड़ा और मंदसोर के प्रभारी मंत्री दत्तगांव ने १४ लोगों की मौत पर अफसोस प्रकट करने की बजाय देवड़ा और वहां के प्रभारी मंत्री ने दत्तगांव ने इन १४ मतदाताओं की मौत के बदले में शरबा कारोबारी के बटे से सोने की चेन और मंदसौर के प्रभारी मंत्री ने कटार भेंट में लेकर इन १४ मतदाताओं के और शिवराज के लाड़ली बहनों के सुहाग पर अफसोस जाहिर करने की बजाय शराब कारोबारी पर कार्यवाही करने की बजाय सोने की चेन और प्रभारी मंत्री ने चंादी की कटार भेंट में ले ली थी? मुख्यमंत्री के लाड़ली बहना के सम्मान में कोई कसर न छोडऩे के दावे से यह भी प्रश्न उठता है कि जिन बहनों के सम्मान का दावा कर रहे हैं? प्रदेश की उन्हीं लाखों बहनें जो शिवराज की नीतियों से घर-घर शराब की पहुंच की नीति के चलते आज वह अपने शराबी पतियों से पिट रही हैं? क्या उनकी इज्जत खराब नहीं हो रही है? उसकी चिंता सीएम को नहीं है? इस तरह की शिकायत उन पीडि़त महिलाओं ने जब की थी जब मप्र की राजधानी भोपाल में आलोक शर्मा के महापौर के प्रचार के समय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और उनकी धर्मपत्नी झुग्गी बस्तियों में आलोक शर्मा का प्रचार करने गई थीं तो उस समय कई महिलाओं ने मुख्यमंत्री से यह शिकायत की थी कि अभी तक तो आपकी शराब की दुकानों से शराब रात दस बजे तक बिकती है तब हम लोग पिटते हैं? इन पीडि़त महिलाओं के मान सम्मान की चिंता शिवराज को नहीं थी? उस समय वह मुख्यमंत्री थे? अब जब पुन: २०२३ के विधानसभा चुनावों में इन्हीं मतदाताओं को लुभाकर पुन: सत्ता पर काबिज होना है तो अब लाड़ली बहना के सम्मान का ढिंढोरा पीट रहे हैं? शिवराज सिंह के महिला सम्मान की दुर्दशा टीकमगढ़ जिले की महिलाओं ने एसपी को ज्ञापन देकर उनसे मांग की कि शराब पीकर आने वाले हमारे पति हमारी रोजाना पिटाई करते हैं? क्या शिवराज की शराब को घर पहुंच सेवा बनाने की नीति से शराबी पतियों से पीडि़त महिलाओं के मान-सम्मान की चिंता शिवराज को नहीं है? आज सीएम और भाजपा सरकार के नेता आदिवासियों को रिझाने के लिये रोज नये-नये उनके हितैषी होने का बयान देते नहीं थक रहे हैं? लेकिन जब २०१८ के पहले आदिवासी जिला अलीराजपुर और झाबुआ के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग हुआ करते थे तब उन्हीं ने झाबुआ के सर्किट हाउस पर भाजपा नेताओं की एक बैठक बुलाई थी इस बैठक में झाबुआ जिले के आदिवासियों ने प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग के सामने यह खुलासा किया था कि झाबुआ जिले में शराब माफिया के दबाव में पुलिस यहां के पंच-सरपंचों ही नहीं तमाम लोगों को जो शराब माफिया के खिलाफ आवाज उठाते हैं उन्हें झूठे मामले में जेल भेज रहे हैं? तब उन आदिवासियों की याद विश्वास सारंग को नहीं आई थी? इस संबंध में जब झाबुआ कलेक्टर से जानकारी मांगी गई तो वह यह बताने के लिये तैयार नहीं हुए कि विश्वास सारंग के प्रभारी मंत्री के समय कितने निर्दोष लोगों को शराब माफिया को पुलिस ने जेल में भेजा था? इस संबंध में झाबुआ के लोगों का कहना है कि हमारी गुहार सुनने की बजाय प्रभारी मंत्री ने शराब माफिया के द्वारा दी जाने वाली ३०० करोड़ की रिश्वत का सहार

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