भ्रष्टाचार: अपर नगरायुक्त और परिजनों पर सैकड़ों करोड़ की संपत्ति
474.20 करोड़ रुपये की चल-अचल की संपत्ति अर्जित करने के बावजूद शासन मौन ?

मथुरा (आरएनआई) अनिल कुमार की भ्रष्टाचार से अकूत संपत्ति अर्जित करने की महत्वाकांक्षा के क्रम में मथुरा नगर निगम में दया चरण एंड सन नाम की कंपनी को नगला कोलू का डंपिंग यार्ड के कूड़ा निस्तारण के कार्य को दिलाने में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार करते हुए सही प्रकार से कार्य न कराए जाने एवं करोड़ों रुपए के बंदर-बाट की कहानी बहुचर्चित है एवं अनिल कुमार की जनपद फिरोजाबाद ,जनपद आगरा में तैनाती के दौरान करोड़ों के भ्रष्टाचार के कारनामे काफी चर्चा में रहे है इसी क्रम में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर निगम की सेवा में रहते हुए भ्रष्टाचारी अनिल कुमार एवं उनके छोटे भाई विजय कुमार एवं उनके पारिवारीजन द्वारा विगत कुछ वर्षों में लगभग 474.20 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति अर्जित की गई जिसमें आगरा जनपद में गंगा गैस एजेंसी आवास विकास, इजी डे शॉपिंग माल, दयालबाग आगरा, मल्टीस्पेशियलिटी नवल किशोर हॉस्पिटल ( वर्तमान में रामा हॉस्पिटल) बाघ फरजाना, आवास विकास में करोड़ों रुपए के 08-HIG प्लॉट एवं भवन, मैनपुरी जनपद में डिग्री कॉलेज, गैस एजेंसी, मैरिज होम, इंटर कॉलेज, फ़िरोज़ाबाद सुहाग नगर में गैस एजेंसी और नोएडा, लखनऊ, गज़ियाबाद शहरों में बेशक़ीमती संपत्तियाँ और 20 किलो सोने के बिस्कुट सहित कई अन्य संपत्तियों की जानकारी प्रकाश में आई है। अनिल द्वारा अपने भाई विजय कुमार एवं अपनी पत्नी और अपने अन्य परिवारी जनों के नाम से अपने भ्रष्टाचार की अकूत दौलत से संपत्तियां खरीदी गई एवं अनिल कुमार के छोटे भाई विजय कुमार का नाम विगत वर्ष भ्रष्टाचार के खेल में लिप्त महिला राजस्व निरीक्षक शिखा गुप्ता को संपत्ति कर घोटाले हेतु 02 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस इकाई आगरा द्वारा रंगे हाथ पकड़ा गया था उसके रिश्वत कांड में वायरल एक ऑडियो में अनिल कुमार के छोटे भाई विजय कुमार का नाम काफी चर्चा में आया जिसमें टैक्स इंस्पेक्टर को साफ कहते सुना जा रहा है कि हम तो कम रिश्वत लेते हैं परंतु विजय कुमार साहब तो हमारे हिस्से को सीधे-सीधे आधा या आधे से ज्यादा स्वयं ही रख लेते हैं तो इससे भी आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अनिल कुमार के भ्रष्टाचार की कहानी जिस प्रकार से चर्चाओं में है उसी प्रकार अनिल कुमार के नक्शे कदम पर उनके छोटे भाई विजय कुमार भी आगरा नगर निगम में अपने भ्रष्टाचार की जड़ें कई वर्षों से गहराई तक जमा हुए हैं विजय कुमार जिनका स्थानांतरण विगत 2 वर्ष पूर्व ही शासन द्वारा किया जा चुका है परंतु उन्होंने अभी तक स्वयं को आगरा नगर निगम में रिलीव नहीं कराया इनके कृत्यों की जांच शासन की अच्छा स्तरीय कमेटी से कराया जाना अपेक्षित है।
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