भोपाल में ‘हम होंगे कामयाब’ पखवाड़े का समापन, डीजीपी कैलाश मकवाना ने दिलाई लैंगिक आधार पर भेदभाव न करने की शपथ

Dec 10, 2024 - 21:40
Dec 10, 2024 - 21:40
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भोपाल में ‘हम होंगे कामयाब’ पखवाड़े का समापन, डीजीपी कैलाश मकवाना ने दिलाई लैंगिक आधार पर भेदभाव न करने की शपथ

भोपाल (आरएनआई) भोपाल के बोट क्लब में आज ‘हम होंगे कामयाब’ कार्यक्रम के समापन अवसर पर लैंगिक भेदभाव समाप्त करने के लिए जागरूकता दौड़ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीजीपी कैलाश मकवाना ने इस अवसर पर उपस्थित नागरिकों को लैंगिक आधार पर भेदभाव न करने और इसे समाप्त करने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि समाज में लैंगिक समानता सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

बता दें कि लिंग आधारित हिंसा के उन्मूलन के लिए राज्य शासन द्वारा 16 दिवसीय ‘हम होंगे कामयाब’ अभियान का आयोजन 25 नवम्बर को अंतर्राष्ट्रीय लैंगिग हिंसा उन्मूलन दिवस से प्रारंभ किया गया था और आज 10 दिसम्बर को इसका समापन हुआ। ये अभियान समाज में महिलाओं और बालिकाओं के प्रति हिंसा को समाप्त करना और जेंडर आधारित भेदभाव के खिलाफ व्यापक जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया। इसमें प्रदेश के 25 विभागों ने समन्वित रूप से विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया।

‘हम होंगे कामयाब’ पखवाड़े का समापन
लिंग आधारित हिंसा के उन्मूलन के उद्देश्य से यह आयोजित 16 दिवसीय अभियान का समापन आज भोपाल बोट क्लब में हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डीजीपी कैलाश मकवाना ने स्वयं इस जागरूकता अभियान में भाग लिया और उपस्थित जनसमूह को लैंगिक भेदभाव न करने की शपथ दिलाई। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि ‘यह मेरा डीजीपी के पद पर आने के बाद पहला सार्वजनिक कार्यक्रम है। यह गर्व का विषय है कि हम सभी मिलकर लैंगिक असमानता मिटाने की दिशा में काम कर रहे हैं।’ इस आयोजन में जागरूकता दौड़ में शामिल प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।

DGP कैलाश मकवाना ने दिया ये संदेश
अपने संबोधन में डीजीपी कैलाश मकवाना ने कहा कि ‘आज से 45 साल पहले महिलाओं के प्रति अपराध बहुत कम थे। लेकिन तकनीकी विकास और ग्लोबलाइजेशन के प्रभाव से अब नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से कई दूषित चीजें फैल रही हैं, जो दुष्कृत मानसिकता को जन्म दे रही हैं। लैंगिक अपराधों को जड़ से समाप्त करने के लिए घर से ही शुरुआत करनी होगी। बच्चों को शिक्षित और जागरूक करना समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का पहला कदम है। इस कार्यक्रम में राज्य सरकार के 25 विभागों, एनजीओ, और कॉलेजों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मुख्यमंत्री मोहन यादव की पहल पर पहली बार इतने विभाग समन्वित होकर इस मिशन में शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए किए गए कार्यों की सराहना की गई। इस दिशा में अभी कई नीतियों का निर्धारण होगा।’ डीजीपी मकवाना ने कहा कि हाल ही में कई जिलों में लैंगिक अपराधों को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई की गई है। उन्होंने 2025 तक लैंगिक असमानता को पूरी तरह समाप्त करने के विज़न पर कार्य करने का आह्वान किया।

इस पखवाड़े के दौरान प्रदेशभर में महिलाओं के अधिकार, उनकी सुरक्षा और जेंडर आधारित भेदभाव के खिलाफ जागरूकता लाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन आयोजनों का उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाना है। इस आयोजन के माध्यम से राज्य सरकार ने यह संदेश दिया कि जेंडर आधारित हिंसा को समाप्त करने और समाज में समानता और न्याय को बढ़ावा देने के लिए समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं।

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