भोपाल ड्रग्स केस में कांग्रेस ने किए बीजेपी से सवाल, केके मिश्रा का आरोप, ‘ड्रग सरगना हरीश आंजना के ताल्लुक़ जगदीश देवड़ा व भाजपा के अन्य नेताओं से हैं’
भोपाल (आरएनआई) भोपाल ड्रग केस को लेकर कांग्रेस लगातार गंभीर आरोप लगा रही है। एक दिन पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि आरोपी हरीश आंजना के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा से करीबी संबंध हैं और उन्होंने इस आधार पर उनका इस्तीफा मांगा। अब कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने भी सरकार को घेरते हुए कहा है कि गुजरात STF को इस बात की जानकारी थी कि ड्रग सरगना हरीश आंजना के ताल्लुक़ मप्र के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा व भाजपा के अन्य नेताओं से हैं। कहीं ऑपरेशन असफल न हो जाये इसीलिए प्रदेश सरकार और मप्र पुलिस को विश्वास में नहीं लिया।
कांग्रेस ने सरकार की नीयत और भाजपा के चाल, चरित्र और चेहरे का सवाल उठाए हैं। वो माँग कर रही है कि भाजपा को तुरंत अपने उप मुख्यमंत्री से इस्तीफा लेना चाहिए। जीतू पटवारी पहले ही कह चुके हैं कि भोपाल में चलाई जा रही ड्रग्स की फैक्टरी पर 1800 करोड़ रुपए की ड्रग्स दबिश का आरोपी प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा के करीबी होने के कई प्रमाण सामने आए हैं और ऐसे में क्या प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी, इस मामले में उपमुख्यमंत्री देवड़ा जी का इस्तीफा लेंगे।
केके मिश्रा ने किए सवाल, बीजेपी पर आरोप
अब कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार केके मिश्रा ने एक्स पर लिखा है कि ‘गुजरात एसटीएफ़ द्वारा गिरफ़्तार हरीश एक भाजपा कार्यकर्ता (BJYM) होकर उप मख्यमंत्री के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र मल्हारगढ़ के डीगाव के समीप माल्याखेरखेड़ा का ही निवासी है,यदि भोले-भाले उपमुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता को ही नहीं पहचानते हैं,तो क्या उन्हें ईवीएम ने जिताया ? बताया जा रहा कि हरीश डिप्टी CM का आर्थिक सहयोगी भी हैं। मुझे उन “मानसिक दासों”की अक़्ल पर तरस आ रहा है, जो अपने दागी उपमुख्यमंत्री के बचाव में आकर कह रहे हैं कि भाजपा मॉसबेस पार्टी है, किसी के साथ फ़ोटो खिंचवाने से किसी के संबंध नहीं हो जाते !’
उन्होंने सवाल किया कि ‘अब यह भी स्पष्ट होना चाहिए कि :- जब सभी को मालूम है कि हरीश के ख़िलाफ़ NDPS एक्ट के तहत कई प्रकरण दर्ज हैं, वह भाजपाई भी है तो वह सामान्य फ़ोटो खिंचवाने वाला व्यक्ति कैसे हो सकता है। एक ड्रग सरग़ना जिसे भाजपा पहचानने से इंकार कर रही है, वह डिप्टी सीएम के डाइनिंग टेबल पर नाश्ता/भोजन कैसे कर सकता है, यही नहीं जारी तस्वीरों में वह देवड़ा जी के साथ भाजपा के चुनाव चिन्ह वाला दुपट्टा सिर पर बांधे ऐसे चल रहा है,जैसा देवड़ा जी उसके कार्यकर्ता हों और हरीश डिप्टी CM। जब स्थानीय पुलिस को हरीश के अपराधों की जानकारी थी तो यह महत्वपूर्ण जानकारी उसने उप मुख्यमंत्री को क्यों नहीं दी, या पुलिस उसके राजनैतिक रसूख़ के सामने बौनी हो गई,यदि यह जानकारी दे दी गई थी,तो बावजूद इसके आरोपित उनका करीबी कैसे बना रहा। यदि मंत्री जी बहुत ही भोले-भाले और (ई) मानदार प्राणी है तो उनके बचाव में आए चरणचुंबक “परिवहन आरक्षक भर्ती परीक्षा-2012” में चयनित अभ्यर्थियों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर हुई 45 परिवहन आरक्षकों की 12 सालों बाद हुई बर्ख़ास्तगी पर ख़ामोश क्यों हैं। *क्या अनियमितता व भ्रष्टाचार के माध्यम से हुई यह नियुक्तियां भी सार्वजनिक जीवन में फ़ोटो खिंचवाने वालों की ही थी। स्थानीय DIG साहब ने मंगलवार को अपनी मीडिया बाइट में कहा कि आरोपियों को संरक्षण देने वाले भी गिरफ़्तार होंगे,चाहे वे किसी भी राजनैतिक दल के क्यों ना हों (मैं उनके इस कथन से सहमत हूं, यह होना चाहिए,क्योंकि अपराधियों का कोई दल, जाति व धर्म नहीं होता) किंतु DIG साहब से मेरा यह आदरपूर्वक आग्रह है कि वे हरीश के “प्रामाणिक संरक्षणदाता के रूप में सामने आ चुके देवड़ा जी की गिरफ़्तारी का भी क्या वे साहस जुटा पायेंगे।
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