भारी बारिश और बाढ़ के बाद मगरमच्छ के खतरे से जूझ रहे वडोदरा के लोग; नदी के उफान पर होने से बाहर आए
एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पिछले पांच दिनों में 10 मगरमच्छों को बचाया गया है। विश्वामित्री नदी अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नदी का जलस्तर आज सुबह चरम स्तर 37 फीट से 12 फीट घटकर 24 फीट हो गया।
वडोदरा (आरएनआई) गुजरात में भारी बारिश और बाढ़ के कारण हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। भयंकर बारिश और बाढ़ के कारण तबाही मच गई। वडोदरा में बाढ़ के साथ साथ स्थानीय लोगों को मगरमच्छ से भी सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, भारी बारिश के कारण विश्वामित्री नदी अपने खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी, जिससे यहां के घरों में बाढ़ के पानी के साथ मगरमच्छ भी घुस गया। 10 से 15 फीट लंबे कई मगरमच्छ को वडोदरा की सड़कों, पार्क और घरों के पास देखा गया। यहां तक की घरों के छतों पर भी मगरमच्छ देखे गए। बता दें कि विश्वमित्री नदी 300 मगरमच्छों का स्थानीय निवास है।
एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पिछले पांच दिनों में 10 मगरमच्छों को बचाया गया है। उन्होंने आगे कहा, "दो मगरमच्छ को छोड़ दिया गया है और बाकी के आठ अभी भी हमारे साथ हैं। जब नदी का जलस्तर नीचे चला जाएगा तब हम उन्हें भी छोड़ देंगे।" विश्वामित्री नदी अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हालांकि, नदी का जलस्तर आज सुबह चरम स्तर 37 फीट से 12 फीट घटकर 24 फीट हो गया। इस नदी के किनारे के रिहायशी इलाकों से मगरमच्छों को बचाने का काम वर्षों से चल रहा है। बारिश के कारण मानसून के दिनों में संख्या बढ़ जाती है। जून में चार मगरमच्छों के बचाया गया था। वहीं जुलाई में इसकी संख्या 21 हो गई थी।
गुजरात में बाढ़ के कारण अबतक 50 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। बारिश के कारण मरने वालों की संख्या बड़कर 26 हो गई। गुरुवार को 13,183 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। कुछ इलाकों में स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
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