भारतीय संविधान सामान्य दस्तावेज न होकर, हमारे सपनों का दर्पण है
शाहजहाँपुर। (आरएनआई) स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में 9 दिवसीय राष्ट्रीय शैक्षिक जागरूकता अभियान के आठवें दिन “राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं विधि’’ तथा “भारतीय संविधान के 73 वर्षों की यात्रा” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। मुमुक्षु शिक्षा संकुल के अधिष्ठाता, स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती जी ने अपने उदबोधन में बताया कि संविधान केवल हमें डिग्री लेने के लिए नहीं, बल्कि मानवता को समझने के लिए पढ़ना चाहिए। भारतीय संविधान में वह शक्ति है, जिसके द्वारा जाति, धर्म, लिंग के आधार पर भेदभाव समाप्त कर एक गरिमामय राष्ट्र व समाज की स्थापना की जा सकती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. हरवंश दीक्षित जी, पूर्व सदस्य, उ.प्र. उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग, प्रयागराज ने बताया कि भारतीय संविधान सामान्य दस्तावेज न होकर हमारे सपनों का दर्पण है भारतीय संविधान में उल्लिखित न्याय का अर्थ व्यापक है। इसके अंतर्गत सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय की संकल्पना समाहित है। सामाजिक न्याय से तात्पर्य यह है कि कोई छोटा- बड़ा नहीं है। अस्पृश्यता का अंत और जमीदारी उन्मूलन कानून इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी बताया की संविधान मात्र दस्तावेज न होकर हमारी भावना, संस्कृति, आकांक्षाओं, अधिकारों और दायित्वों का समुच्य है।
मुख्य अतिथि प्रो. सी. पी. उपाध्याय जी, विधि संकायाध्यक्ष, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है, जो राष्ट्र निर्माण की भूमिका के अनुरूप है। शिक्षा से शिक्षा से जहां एक और विनम्रता का गुण विकसित होता है वही आलोचनात्मक दृष्टिकोण का भी निर्माण होता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद-21ए, में नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है जिसका उद्देश्य सभी को शिक्षा की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि नई शिक्षा नीति से शिक्षा में एकरूपता आएगी लेकिन इसके लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता पड़ेगी।
सत्र का शुभारम्भ सरस्वती जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। मंच संचालन डॉ. दीप्ति गंगवार जी द्वारा किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य, डॉ. जयशंकर ओझा जी ने उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। संगीत विभाग, एस.एस. पी.जी. कॉलेज की डॉ. प्रतिभा सक्सेना एवं छात्राओं द्वारा स्वागत गीत एवं वंदे मातरम प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर डॉ. अनिल कुमार शाह, डॉ. अमित कुमार यादव, डॉ. पवन कुमार गुप्ता, श्री विजय सिंह, डॉ0 प्रेमसागर, डॉ. अमरेंद्र सिंह, श्री प्रियंक वर्मा साथ ही महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापक गण एवं 137 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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