भारतीय चर्चित चेहरा: ...और संत चौधरी ने शंकरा ग्रुप के नाम से शिक्षा के क्षेत्र में रच दिया इतिहास!
उषा पाठक
मधुबनी, 17 अप्रैल 2023, (एजेंसी)। कहते हैं,अगर अलग करने की तमन्ना हो तो कठिनाईयां आड़े नहीं आती है।मिथिला में अपनी पहचान बना चुके नेपाल से जुड़े सीमावर्ती इलाके के किसान परिवार में जन्मे डॉ.संत कुमार चौधरी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ।उन्होंने शंकरा ग्रुप के नाम से शिक्षण संस्थानों की स्थापना कर इतिहास रच दिया।
कांचीपुरम के शंकराचार्य जगत गुरु के नाम से न सिर्फ इंजीनियरिग एवं व्यावसायिक संस्थानों की झड़ी लगा दी,वल्कि मधुबनी में शंकर नेत्रालय खोलकर कई जरूरत मंदों को नेत्र चिकित्सा भी उपलब्ध कराने का काम किया है।
डॉ.चौधरी का जन्म 5 जनवरी 1959 को मधुबनी जिले के बसैठ चैनपुरा निवासी स्व.भगवान चौधरी एवं स्व.श्रीमती बेदमती चौधरी के पुत्र के रूप में हुआ।इनके तीन अन्य भाईयों के नाम अशोक चौधरी, स्व.रवीन्द्र चौधरी एवं ई.अरविन्द चौधरी हैं।इनकी शादी 29 जून 1979 को धर्म परायण महिला छाया चौधरी से हुयी।इनके दो बच्चे राहुल एवं स्वेता हैं।
डॉ.चौधरी ने प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा अपने गांव मधुबनी जिले के बसैठ चैनपुरा से प्राप्त करने के बाद सीएम साइंस कालेज दरभंगा से बीएससी करने के बाद वर्ष1979 में उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली का रुख किया।
इसी दौरान वर्ष 1982 में इनकी नौकरी नेशनल् शुगर फेडरेशन में लग गयी।उस समय इस संस्था पर महाराष्ट्र के दिग्गज नेता एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री बसंत दादा पाटिल का दबदबा था।वह अपने काम से दादा के करीबी हो गए और दादा ने इन्हे अपने साथ रख लिया।इस क्रम में डॉ.चौधरी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के निजी सचिव एवं राजस्थान के राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी भी रहे।
डॉ चौधरी बसंत दादा के निधन के बाद भी उनके सांसद पुत्र प्रकाश पाटिल के साथ जुड़े रहे।लेकिन श्री चौधरी यहीं तक कहाँ रुकने वाले थे।उन्होंने वर्ष 1993 में एक ट्रस्ट की स्थापना की और शिक्षा एवं समाज की ओर रुख किया।
डॉ.चौधरी कहते हैं,कि शिक्षा,स्वास्थ्य एवं कृषि के क्षेत्र में काम करने की प्रेरणा उन्हें अपने दादा से मिली।वह बचपन से ही उनके काम को आगे बढ़ाने की सोच रखते थे।यही वजह है,कि उन्होंने कालेज एवं इंजीनियरिग कालेज के अलावा कई व्यावसायिक कालेजों की स्थापना की।अस्पताल खोले।कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की है।
डॉ.चौधरी कहते हैं,कि वर्तमान समय में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है।भारतीय समाज के लिए इन तीनों क्षेत्र को माजबूत करने की जरुरत है।इसके बिना हम विश्व गुरु नहीं बन सकते हैं।इस दिशा में निरंतर काम हो रहा है।इसे और प्राथमिकता देने की जरुरत है। एल. एस.
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