भारत से फिर से जुड़ा सिक्किम, पुनर्निर्माण के बाद आज होगा इंद्राणी पुल का उद्घाटन
नवनिर्मित इंद्राणी ब्रिज का आज, 12 अगस्त, 2024 को आधिकारिक तौर पर उद्घाटन किया जाएगा, जो सिक्किम की पुनर्प्राप्ति और विकास की यात्रा में एक नया अध्याय शुरू करेगा। यह पुल न केवल सिक्किम के उत्तर को फिर से जोड़ता है, बल्कि इस क्षेत्र में उन्नत आर्थिक और सामाजिक विकास की नींव भी रखेगा।
नई दिल्ली (आरएनआई) सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने सिक्किम में इंद्राणी पुल का पुनर्निर्माण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। इसके बनते ही राज्य का उत्तरी क्षेत्र शेष भारत से फिर से जुड़ गया है। यह महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना बीआरओ के इंजीनियरिंग और दृढ़ संकल्प की एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। आज यानि सोमवार को इसका उद्घाटन किया जाएगा। इसकी सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
नवनिर्मित इंद्राणी ब्रिज का आज, 12 अगस्त, 2024 को आधिकारिक तौर पर उद्घाटन किया जाएगा, जो सिक्किम की पुनर्प्राप्ति और विकास की यात्रा में एक नया अध्याय शुरू करेगा। यह पुल न केवल सिक्किम के उत्तर को फिर से जोड़ता है, बल्कि इस क्षेत्र में उन्नत आर्थिक और सामाजिक विकास की नींव भी रखेगा। इंद्राणी ब्रिज परियोजना का सफल समापन सहयोगात्मक प्रयासों की शक्ति, इंजीनियरिंग की विशेषज्ञता और प्रतिकूल परिस्थितियों से उबरने के दृढ़ संकल्प को रेखांकित करता है। जैसे-जैसे सिक्किम अपनी पुनर्प्राप्ति और विकास की यात्रा जारी रख रहा है, यह पुल निस्संदेह राज्य की भविष्य की समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मूल रूप से सिक्किम लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्मित इंद्राणी ब्रिज, पिछले वर्ष अक्तूबर महीने में तीस्ता नदी घाटी में आई विनाशकारी बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया था। इस आपदा के कारण सड़क नेटवर्क और नदी के किनारे कई पुलों सहित बड़ा नुकसान हुआ था। उत्तरी सिक्किम देश के बाकी हिस्सों से कट गया था।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने बताया कि स्थिति की तात्कालिकता को समझते हुए, सिक्किम सरकार ने तेजी से कनेक्टिविटी बहाल करने की योजना शुरू की। इसके के लिए गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसई) के साथ एक संयुक्त सर्वेक्षण किया गया। इसके बाद इंद्राणी ब्रिज स्थल पर बेली सस्पेंशन ब्रिज के निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट स्वास्तिक के 764 बॉर्डर रोड टास्क फोर्स (बीआरटीएफ) के नेतृत्व में, बीआरओ ने 300 फुट के बेली सस्पेंशन ब्रिज का निर्माण शुरू किया। उनका समर्पण, इंजीनियरिंग कौशल और समयसीमा का पालन इस महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना के सफल समापन में सहायक रहा है।
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