भारत में कल मनाई जाएगी ईद
नई दिल्ली (आरएनआई) ईद-उल-फितर का त्योहार, जिसे, मीठी ईद और ईद-अल-फितर के नाम से भी जाना जाता है, रमजान के पवित्र महीने, उपवास के इस्लामी पवित्र महीने के अंत का प्रतीक है। हिजरी के 10वें महीने शव्वाल के पहले तीन दिनों में मनाया जाता है। चांद रात एक शब्द है जिसका इस्तेमाल दक्षिण एशियाई संस्कृतियों में, विशेष रूप से भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में, ईद-उल-फितर या ईद अल-अधा की पूर्व संध्या को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह शब्द उर्दू से लिया गया है, जहां "चांद" का अर्थ चंद्रमा और "रात" का अर्थ रात है, इस प्रकार रात का अनुवाद होता है जब चंद्रमा देखा जाता है। यह रात मुसलमानों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह रमज़ान के पवित्र महीने, ज़ुल-हिज्जा के महीने के अंत और शव्वाल महीने की शुरुआत का प्रतीक है। भारत और दक्षिण ऐशियाई देशों में मुस्लिम समुदाय को रोजा रखे हुए 10 अप्रैल को पूरे 30 दिन हो जाएंगे। भारत में कल 11 अप्रैल को ईद का जश्न मनाया जाएगा। कई देश आज बुधवार को ईद का त्योहार मना रहे हैं। लेकिन भारत और बांग्लादेश में चांद नहीं देखा गया, इसलिए यहां बुधवार यानी आज चांद देखने के बाद गुरुवार को ईद मनाई जाएगी।
ईद मनाने से पहले मुसलमान समुदाय के लिए चांद देखना जरूरी होता है। मान्यता है कि शरीयत में अपनी आंखों से देखने और गवाही से ही सुबूत का एतबार है। इसलिए शब-ए-बारात, शब-ए-कद्र, ईद और ईद-उल-अजहा जैसे त्योहार से पहले लोग चांद देखते हैं। चांद रात में चांद देखने के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह से दुआ मांगते हैं। रमजान के आखिरी दिन नया चांद देखने के बाद ही ईद का त्योहार शुरू होता है।
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