भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ
कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस यात्रा ने जनता के सामने राहुल गांधी की छवि को बदल दिया। अपनी 4000 किलोमीटर की यात्रा में राहुल गांधी अपने समर्थकों के साथ-साथ विरोधियों का भी ध्यान खींचने में कामयाब रहे।
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नई दिल्ली। (आरएनआई) भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ पर कांग्रेस ने बताया कि यह राहुल गांधी के लिए 'मन की बात' जैसा भाषण अभ्यास नहीं बल्कि जनता की चिंता सुनने का अवसर था, जो अभी भी विभिन्न रूपों में जारी है। यह यात्रा भारतीय राजनीति में परिवर्तनकारी साबित हुआ है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा इस यात्रा ने बढ़ती आर्थिक असमानताओं, बढ़ते सामाजिक ध्रुवीकरण और गहराते राजनीतिक अधिनायकवाद पर ध्यान केंद्रित किया।
एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने कहा, 'आज कन्याकुमारी से कश्मीर तक आजियत किए जाने वाले भारत जोड़ा यात्रा की पहली वर्षगांठ है। यह मन की बात जैसा भाषण अभ्यास नहीं बल्कि जनता की चिंता सुनने का अवसर था।
अपने पिता को श्रीपेरुमबुदुर में श्रद्धांजलि देने के बाद राहुल गांधी कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल, तिरुवल्लुवर प्रतिमा, कामराज मेमोरियल और गांधी मंडपम का दौरा किया। वह गांधी मंडपम से हिंद महासागर के किनारे कन्याकुमारी में एक बड़ी सार्वजनिक रैली को संबोधित करने गए।
यात्रा का समापन इस साल 30 जनवरी को हुआ, इस दौरान राहुल गांधी ने 12 पब्लिक मीटिंग, 100 नुक्कड़ मीटिंग और 13 प्रेस कॉन्फ्रेंस किए। इसके अलावा राहुल गांधी ने छात्रों, ट्रक ड्राइवरों, किसानों और फार्म कार्मचारियों से बातचीत भी की। इस दौरान उन्होंने मणिपुर की यात्रा भी की।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि इस यात्रा ने जनता के सामने राहुल गांधी की छवि को बदल दिया। अपनी 4000 किलोमीटर की यात्रा में राहुल गांधी अपने समर्थकों के साथ-साथ विरोधियों का भी ध्यान खींचने में कामयाब रहे। इस यात्रा में पूर्व थल सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर, पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल एल रामदास, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन और पूर्व वित्त सचिव अरविंद मायाराम भी शामिल हुए।
विपक्षी नेता नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे, प्रियंका चतुर्वेदी, संजय राउत और राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने भी इस यात्रा में विभिन्न समय पर राहुल गांधी के साथ दिखे।
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