भारत की मदद से लघु शस्त्र विनिर्माण इकाई स्थापित करने में श्रीलंका ने दिखाई दिलचस्पी
श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में भारतीय दूत संतोष झा ने अपने संबोधिन में कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग आज उन्नत टेक्नोलॉजी और विश्व स्तरीय उपकरण पेश करता है। इसमें लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों से लेकर नौसैनिक जहाजों तक, लेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से लेकर साइबर सुरक्षा समाधान और छोटे हथियारों से लेकर तोपखाने की प्रणाली तक शामिल हैं।
कोलंबो (आरएनआई) आर्थिक तंगी से गुजरने के बाद श्रीलंका एक लघु हथियार विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए भारत के साथ संपर्क में है। श्रीलंका के रक्षा मंत्री प्रेमिता बंडारा तेनाकून ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीलंका को भारत से अभी बहुत कुछ सीखना है।
रक्षा मंत्री प्रेमिता बंडारा तेनाकून ने कहा, "देश में एक लघु हथियार विनिर्माण इकाई को स्थापित करने के लिए हम भारत से चर्चा कर रहे हैं। हम भारतीय समकक्षों के संपर्क में हैं। हम भारत से बहुत कुछ ले सकते और सीख सकते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "इस पर चर्चा जारी है।
अप्रैल की शुरुआत में श्रीलंका में आयोजित भारत-श्रीलंका रक्षा सहयोग के दूसरे सेमिनार के बाद इस पर विचार किया गया। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में भारतीय दूत संतोष झा ने अपने संबोधिन में कहा कि भारतीय रक्षा उद्योग आज उन्नत टेक्नोलॉजी और विश्व स्तरीय उपकरण पेश करता है। इसमें लड़ाकू विमानों और हेलीकॉप्टरों से लेकर नौसैनिक जहाजों तक, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली से लेकर साइबर सुरक्षा समाधान और छोटे हथियारों से लेकर तोपखाने की प्रणाली तक शामिल हैं। उन्होंने आगे कहा कि भारत इन क्षमताओं को श्रीलंका जैसे अपने पड़ोसी देशों को उपलब्ध कराने में इच्छुक है।
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