भारत की जी20 की अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी और कार्योन्मुखी होगी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्योन्मुखी होगी तथा देश ऐसे समय में यह जिम्मेदारी संभाल रहा है जब दुनिया भूराजनीतिक तनावों, आर्थिक मंदी एवं बढ़ती ऊर्जा कीमतों से जूझ रही है।
बाली, 16 नवंबर 2022, (आरएनआई)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्योन्मुखी होगी तथा देश ऐसे समय में यह जिम्मेदारी संभाल रहा है जब दुनिया भूराजनीतिक तनावों, आर्थिक मंदी एवं बढ़ती ऊर्जा कीमतों से जूझ रही है।
जी-20 के यहां हुए दो दिवसीय सम्मेलन के समापन पर भारत को इस प्रभावशाली समूह की अध्यक्षता सौंपी गयी।
इंडोनेशिया की मेजबानी में हुए सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भारत यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि जी-20 अगले एक साल में नए विचारों की परिकल्पना के लिए तथा सामूहिक कार्रवाई में तेजी लाने के लिए एक वैश्विक ‘‘प्रमुख प्रवर्तक’ के रूप में काम करे।
मोदी ने कहा, ‘‘भारत ऐसे समय में जी-20 का कामकाज संभाल रहा है जब दुनिया एक साथ भूराजनीतिक तनावों, आर्थिक मंदी, बढ़ती खाद्य एवं ऊर्जा कीमतों के साथ ही महामारी के दीर्घकालिक दुष्प्रभावों से जूझ रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में दुनिया जी-20 को उम्मीद के साथ देख रही है। आज, मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्योन्मुखी होगी।’’
भारत एक दिसंबर से आधिकारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा। समूह का राष्ट्र प्रमुख/सरकार प्रमुख स्तर का शिखर-सम्मेलन नयी दिल्ली में अगले साल 9 और 10 सितंबर को आयोजित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जी-20 की भारत की अध्यक्षता प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का अवसर है और देश अलग-अलग शहरों तथा राज्यों में जी-20 की बैठकें आयोजित करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे मेहमानों को भारत की अद्भुत विविधता, समावेशी परंपराओं और सांस्कृतिक समृद्धि का पूरा अनुभव मिलेगा। हम चाहते हैं कि आप सभी ‘लोकतंत्र की जननी’ भारत में इस अनोखे उत्सव में भाग लें। हम मिलकर जी-20 को वैश्विक बदलाव का उत्प्रेरक बनाएंगे।’’
मोदी ने जी-20 के लिए भारत की प्राथमिकताएं भी गिनाईं।
उन्होंने कहा, ‘‘अगले एक साल में हम यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि जी-20 नये विचारों की परिकल्पना तथा सामूहिक कार्रवाई को तेज करने के लिए प्रमुख वैश्विक प्रवर्तक के रूप में काम करे।’’
मोदी ने कहा, ‘‘प्राकृतिक संसाधनों पर स्वामित्व की भावना आज के समय संघर्ष बढ़ा रही है और पर्यावरण की दशा का मुख्य कारण बन गयी है। पृथ्वी के सुरक्षित भविष्य के लिए संरक्षण की भावना ही समाधान है।’’
मोदी ने कहा कि ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली’ (लाइफ) अभियान इसमें बड़ा योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका उद्देश्य टिकाऊ जीवनशैली को जन-आंदोलन बनाना है।’’
प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि विकास के फायदे सार्वभौमिक और सर्व-समावेशी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें विकास के लाभों को मम-भाव और सम-भाव से मानव-मात्र तक पहुंचाना होगा। वैश्विक विकास महिलाओं की भागीदारी के बिना संभव नहीं है।’’
मोदी ने कहा कि जी-20 को शांति और सौहार्द के पक्ष में एक दृढ़ संदेश देना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी प्राथमिकताएं, भारत की जी-20 अध्यक्षता की थीम - ‘‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’’– में पूर्ण रूप से समाहित हैं।
उन्होंने कहा कि जी-20 दुनिया की बड़ी विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का अंतर-सरकारी मंच है।
इसके सदस्यों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं।
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