'भारत की गरिमा का अपमान', अमेरिका द्वारा अवैध भारतीयों के निर्वासन के तरीके पर बोले शशि थरूर
शशि थरूर ने कहा कि हमें इस तरीके से विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह अधिकार है कि वह अवैध अप्रवासियों को अपने देश से निकाल सके, लेकिन भारतीय नागरिकों को इस तरह से सैन्य विमान में हथकड़ी लगाकर भेजना भारत की अस्मिता और गरिमा का अपमान है।
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नई दिल्ली (आरएनआई) अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीय के निर्वासन को लेकर देशभर में चर्चा हो रही है। इसी बीच गुरुवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसे भारत का अपमान बताते हुए कहा कि जिस तरह से अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को निर्वासित किया गया है, वह भारत और भारतीयों की गरिमा का अपमान है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को अमेरिका को एक संदेश जारी करने की जरूरत है, जिससे यह साफ की हो कि उसे अपमानजनक तरीके से ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है।
बुधवार को 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को लेकर अमेरिकी सैन्य विमान अमृतसर पहुंचा। अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड टंप के द्वारा निर्वासित भारतीय का ये पहला खेफ था। इस खेप में आने वाले निर्वासितों ने ये दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उसके हाथ और पैर दोनों को बांधा दिया गया था, जो कि अमृतसर पहुंचने के बाद खोला गया।
इस मामले पर तिरुवनंतपुरम के सांसद शशि थरूर ने कहा कि हमें इस तरीके से विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह अधिकार है कि वह अवैध अप्रवासियों को अपने देश से निकाल सके, लेकिन भारतीय नागरिकों को इस तरह से सैन्य विमान में हथकड़ी लगाकर भेजना भारत की अस्मिता और गरिमा का अपमान है। उन्होंने कहा कि आप लोगों को नागरिक विमान में भेजे और सामान्य रूप से भेजे, हम उन्हें स्वीकार करेंगे यदि वे हमारे नागरिक हैं लेकिन आप ऐसा नहीं कर सकते।
साथ ही कांग्रेस सांसद ने इस मुद्दे पर एक उदाहरण दिया कि कोलंबिया ने भी इस तरह के मामलों में नागरिक विमान से संदिग्ध अप्रवासियों को भेजने का विरोध किया था। थरूर ने आगे कहा कि हमें इस तरह के अपमानजनक तरीके से अप्रवासियों को भेजने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में कार्रवाई करनी चाहिए ताकि यह दोबारा न हो और इस निंदनीय व्यवहार के लिए स्पष्टीकरण मांगना चाहिए।
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