भारत-अमेरिका के बीच मजबूत हुए रक्षा संबंध
भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों को लेकर पेंटागन के वरिष्ठ अधिकारी ने कुछ महत्वपूर्ण बात बताई है। ये बात दर्शाती है कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच अब आपसी सहयोग तेजी से बढ़ रहा है।
नई दिल्ली (आरएनआई) भारत और अमेरिका के रक्षा संबंधों में अविश्वसनीय रूप से सुधार देखने को मिल रहा है। पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कही गई ये बात दर्शाती है कि अमेरिका और भारत के बीच रक्षा संबंध बेहद मजबूत हो रहे हैं। पेंटागन के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि अब भारत और अमेरिका के बीच प्रमुख मुद्दों पर मतभेदों के बजाय सुधार देखने को मिल रहे हैं।
सीयूटीएस इंटरनेशनल द्वारा एक गोलमेज सम्मेलन कराया गया था। इस सम्मेलन में रक्षा विभाग के सचिव (नीति) के कार्यालय, दक्षिण एशिया के निदेशक सिद्धार्थ अय्यर ने कहा कि ‘पिछले 12 महीनों में भारत अमेरिका के रक्षा संबंधों में बेहद तेजी से प्रगति हुई है।’ अय्यर ने कहा कि ‘खासतौर पर तीन बातें साबित करती हैं कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों में अविश्वसनीय गति देखने को मिली। पहला क्षेत्र तकनीकि का है, जहां भारत और अमेरिका एक दूसरे को मदद कर रहे हैं। इसके अलावा दूसरी बात ये कि जो लोग दशकों से भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों को देख रहे हैं, वो यह भी देख रहे होंगे कि बीते कुछ समय से दोनों देशों की सेनाओं में परस्पर सहयोग में जबरदस्त प्रगति हुई है। तीसरी बात ये कि भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय संबंधों का दायरा और भी ज्यादा मजबूत हो रहा है।’ उन्होंने कहा कि ‘ये बात भी साफ है कि दोनों देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और कैबिनेट अधिकारियों के बीच लगातार बातचीत हो रही है। कैलेंडर वर्ष में एक महीना भी ढूंढना मुश्किल होगा जब कोई उच्च स्तरीय वार्ता या आदान-प्रदान न हुआ हो।
उधर विदेश विभाग के राजनीतिक-सैन्य अधिकारी रयान हॉलिवे ने कहा कि ‘भारत के साथ अमेरिका की साझेदारी दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण रिश्तों में से एक है।’ उन्होंने कहा, ‘हम इस रणनीतिक साझेदारी को 21वीं सदी के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में देखते हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘सीधे शब्दों में, वैश्विक और रणनीतिक मुद्दों पर हमारा आदान-प्रदान आज जितना गहरा या अधिक संवेदनशील कभी नहीं रहा।
इस बारे में सीयूटीएस इंटरनेशनल के महासचिव प्रदीप मेहता का कहना है कि ‘यू-इंडिया संबंधों में एक बड़ी छलांग लगने की संभावना है, यह हमारे रणनीतिक रूपांतरण में तेजी लाने के लिए एक मंच है। अमेरिका के साथ भारत के रक्षा और सुरक्षा संबंधों की काफी सराहना हो रही है। इसकी सफलता दिसंबर 2023 की शुरुआत में ही देखने को मिल गई थी, जब उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के स्तर पर मध्यावधि समीक्षा आयोजित की गई थी।’ उन्होंने कहा कि ‘भारत-अमेरिका प्रौद्योगिकी निगम का उद्देश्य प्रौद्योगिकी प्रगति में तेजी लाना और सह-अनुसंधान के माध्यम से नवाचार आधार को व्यापक बनाना है।
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