भाजपा सांसद के खिलाफ बयानबाजी महुआ मोइत्रा को पड़ी भारी!
निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर एक के बाद एक कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने यह आरोप ऐसे समय में लगाए हैं, जब महुआ का इंटरव्यू सामने आया है, जिसमें उन्होंने लॉगिन और पासवर्ड देने की बात कबूल की है। साथ ही यह भी कहा कि सवाल उन्होंने खुद ही दायर किए थे।
नई दिल्ली, (आरएनआई) भाजपा के लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे और टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के बीच तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है। दुबे ने एक बार फिर मोइत्रा को निशाने पर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वह दर्शन हीरानंदानी के संपर्क में हैं और उन्हें प्रभावित करने की कोशिश कर रही हैं।
निशिकांत दुबे ने यह आरोप ऐसे समय में लगाए हैं, जब महुआ का इंटरव्यू सामने आया है, जिसमें उन्होंने लॉगिन और पासवर्ड देने की बात कबूल की है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि सवाल उन्होंने खुद ही लिखे और दायर किए थे।
जानकारी के अनुसार दर्शन हीरानंदानी और दुबई दीदी (सांसद) संपर्क में हैं। गवाह को प्रभावित करने की कोशिश चल रही है। लोकसभा अध्यक्ष को कारवाई करनी चाहिए।' वहीं, तृणमूल सांसद ने कहा था कि इस बात का कोई नियम नहीं है कि कौन संसद लॉगिन कर सकता है और कौन नहीं और आम तौर पर सांसदों की टीमें प्रश्न अपलोड करती हैं। इस पर निशिकांत दुबे ने कहा कि प्रत्येक सांसद को एक फॉर्म भरना होता है, जहां उन्हें प्रतिज्ञा लेनी होती है कि वे किसी के साथ परिचय पत्र साझा नहीं करेंगे।
उन्होंने मोइत्रा के झारखंडी पिटबुल वाले बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि डिग्री वाली (दुबई दीदी) से अच्छी और संस्कारी मेरी नानी जी थीं, जिन्होंने स्कूल की पढ़ाई तक नहीं की थी, लेकिन रामायण, महाभारत, गीता सभी कंठस्थ था। वो हम बच्चों को बड़े, छोटे का आदर, भाषा की मर्यादा सिखा गईं। दुबे ने कहा कि मीडिया का हाल देखिए यही अपशब्द अगर किसी पुरुष के मुंह से निकले होते तो क्या प्रतिक्रिया होती। जबकि महिला खासकर विपक्ष बोले तो मौन साधे है। उन्होंने आगे कहा कि कोई बात नहीं, रोपे पेड़ बबूल का तो आम कहां से होए!
एक अन्य पोस्ट में भाजपा सांसद दुबे ने कहा कि महुआ और पैसे लेकर सवाल पूछने वाले राजा राम पाल, जिनको कांग्रेस के शासन के दौरान संसद से 2005 में निकाला गया था में एकरूपता या समानता है। पाल रिलायंस के भ्रष्टाचार के विरोध में लड़ रहे थे इसलिए निकाल दिए गए, महुआ अडानी से लड़ रही हैं इसलिए? उन्होंने आगे सवाल दागते हुए कहा कि राजा राम पाल का पत्र पढ़ लीजिए व महुआ का दोनों का एक जैसा ही है। राजा राम पाल हिंदी बोलते हैं और गरीब हैं इसलिए वे चोर हैं। वहीं महुआ अंग्रेजी बोलती हैं और अमीरों से दोस्ती है इसलिए वे ईमानदार हैं?
वकील जयअनंत देहाद्रई ने कहा कि इंटरव्यू के बाद वह सही साबित हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे अब यह साफ समझ आ गया है कि मेरे अपहृत कुत्ते हेनरी को देने के बदले में सीबीआई शिकायत वापस लेने के लिए क्यों कहा जा रहा था। ऐसा तब होता है जब परस्पर लाभ पहुंचाना जीवन का एक तरीका बन जाता है।
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