'भाजपा-संघ के खिलाफ सड़क से संसद तक लड़ाई'; जिला इकाइयों की बैठक, में कांग्रेस अध्यक्ष खरगे
कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सत्ताधारी दल- भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के खिलाफ हुंकार भरी है। खरगे ने कांग्रेस जिलाध्यक्षों के साथ बैठक के दौरान कहा कि संसद से सड़क तक लड़ाई लड़ी जाएगी। खरगे ने जिला इकाई प्रमुखों से कहा, हमें इसे सड़कों पर ले जाना चाहिए।

नई दिल्ली (आरएनआई) कांग्रेस पार्टी के जिला अध्यक्षों के साथ अहम बैठक में आज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 100 सीटें मिलीं, अगर हमने और मेहनत की होती तो हम 20-30 सीटें और जीत सकते थे। हम सरकार भी बना सकते थे। जिला इकाई प्रमुखों के साथ बैठक के दौरान खरगे ने कहा, कांग्रेस पार्टी की विचारधारा मजबूत है, लेकिन हम इसे सत्ता के बिना लागू नहीं कर सकते।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी के जिला इकाई प्रमुखों से कहा, 'हमारी लड़ाई संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह भाजपा और आरएसएस के खिलाफ है। हमें इसे सड़कों पर ले जाना चाहिए। जिला प्रमुखों के साथ खरगे की तीन बैठकें निर्धारित हैं। पहली बैठक में खरगे ने कहा, राज्यों में चुनाव जीतने के लिए दीर्घकालिक रणनीति के साथ एकजुट होकर काम करना होगा। खरगे ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दल एकजुट होकर लड़े और भाजपा और सहयोगी दलों को 240 सीटों पर सीमित कर दिया। अगर कांग्रेस को 20-30 सीटें और मिलतीं तो वैकल्पिक सरकार बन जाती।
13 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के जिला अध्यक्षों के साथ नई दिल्ली के इंदिरा भवन में आयोजित बैठक में खरगे ने कहा, कांग्रेस के 'संविधान बचाओ' अभियान ने भाजपा-आरएसएस की संविधान बदलने की गुप्त इच्छा को उजागर कर दिया है। यही कारण है कि आज भाजपा के पास बहुमत नहीं है और सरकार दो सहयोगियों पर निर्भर है। अहंकार में प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि वे 400 सीटें जीतेंगे। हमने करारा झटका दिया है।
खरगे ने कहा, 'देश में वैकल्पिक सरकार बन सकती थी। अगर हम ऐसा कर पाते, तो हम अपने स्वतंत्र संस्थानों, लोकतंत्र और संविधान पर व्यवस्थित हमले को रोक सकते थे।' उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस के खिलाफ कांग्रेस की लड़ाई संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह जारी है।
जिला अध्यक्षों की भूमिका को अहम बताते हुए खरगे ने कहा, इनकी भूमिका केवल संदेशवाहक की नहीं, ये कांग्रेस के सेनापति जैसे हैं तो जमीन पर आगे बढ़कर दल का नेतृत्व करते हैं। इस बैठक में राहुल गांधी भी मौजूद थे। खरगे ने कहा कि राहुल गांधी और खुद उन्होंने भी जिलाध्यक्षों से सीधे संवाद की जरूरत को पहचाना। स्थानीय नेताओं की सिफारिशों के आधार पर चयन के बजाय इन पदों पर सबसे योग्य, प्रतिबद्ध और मेहनती व्यक्तियों को नियुक्त करना जरूरी है।
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