भाजपा नेता के खिलाफ दर्ज दो एफआईआर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपी; टीएमसी कार्यकर्ताओं से हाथापाई का मामला

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता कबीर शंकर बोस के खिलाफ 2020 में उनके सुरक्षाकर्मियों और तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई के संबंध में दर्ज दो प्राथमिकियों को बुधवार को सीबीआई को सौंप दिया।

Dec 4, 2024 - 16:00
 0  594
भाजपा नेता के खिलाफ दर्ज दो एफआईआर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपी; टीएमसी कार्यकर्ताओं से हाथापाई का मामला

नई दिल्ली (आरएनआई) न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति पंकज मित्तल की पीठ बोस की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मामले की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस से सीबीआई, एसआईटी या किसी स्वतंत्र एजेंसी को स्थानांतरित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

पीठ ने कहा, 'इस मामले के अजीबोगरीब तथ्यों को देखते हुए प्रतिवादियों को आदेश दिया जाता है कि वे दोनों प्राथमिकियों के आधार पर जांच के कागजात तथा जांच पूरी करने के लिए सभी रिकॉर्ड सीबीआई को सौंप दें, ताकि यदि आवश्यक हो तो मुकदमा शुरू किया जा सके और पक्षों को न्याय मिल सके।'

बोस ने अपनी याचिका में दावा किया था कि 6 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के सेरामपुर में रात करीब 8 बजे उनके आवास के बाहर संतोष कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह के नेतृत्व में उनके और उनके सीआईएसएफ गार्डों पर भारी हमला हुआ और नारेबाजी की गई।प्रोटोकॉल के तहत, सीआईएसएफ ने याचिकाकर्ता को तुरंत सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इसके बाद जो हुआ, वह सीआईएसएफ की ओर से अपने सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति की जान बचाने के लिए किया गया प्रोटोकॉल था और याचिकाकर्ता मौके पर मौजूद भी नहीं था।

उन्होंने अपनी याचिका में कहा, 'देर रात दो बजे तक पूरी इमारत पर तृणमूल कांग्रेस के 200 से अधिक ने घेराबंदी कर रखी थी, जिसका नेतृत्व क्षेत्र के मौजूदा सांसद कल्याण बनर्जी कर रहे थे।'

उच्चतम न्यायालय ने 2016 के सूरजगढ़ लौह अयस्क खदान आगजनी मामले के सिलसिले में अधिवक्ता सुरेंद्र गाडलिंग की जमानत याचिका पर सुनवाई 18 दिसंबर तक के लिए टाल दी।

न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी, क्योंकि महाराष्ट्र सरकार के वकील ने इस आधार पर सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी कि कुछ स्थानीय दस्तावेजों का अनुवाद किए जाने की आवश्यकता है।
 
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान गाडलिंग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद ग्रोवर ने कहा कि वकील करीब छह साल से जेल में हैं और इस मामले में सुनवाई की जरूरत है। पीठ ने राज्य सरकार को अतिरिक्त दस्तावेज दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।
 
इससे पहले शीर्ष न्यायालय ने 10 अक्तूबर 2023 को राज्य सरकार को नोटिस जारी कर याचिका पर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने 31 जनवरी 2023 को यह उल्लेख करते हुए गाडलिंग को जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उनके खिलाफ आरोप प्रथमदृष्टया सही प्रतीत होते हैं।

माओवादियों ने 25 दिसंबर 2016 को उन 76 वाहनों को कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया था, जिनका उपयोग महाराष्ट्र में गडचिरौली स्थित सूरजगढ़ खदानों से लौह अयस्क की ढुलाई के लिए किया जा रहा था।

गाडलिंग पर आरोप है कि उन्होंने माओवादियों को मदद प्रदान की। उनके खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (यूएपीए) के विभिन्न प्रावधानों और भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया है।

Follow RNI News Channel on WhatsApp: https://whatsapp.com/channel/0029VaBPp7rK5cD6XB2

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

RNI News Reportage News International (RNI) is India's growing news website which is an digital platform to news, ideas and content based article. Destination where you can catch latest happenings from all over the globe Enhancing the strength of journalism independent and unbiased.