भाजपा का प्रतिनिधिमंडल एलजी से मिला; गृहमंत्री के आवास पर नेताओं की हुई बैठक
राजधानी दिल्ली में भाजपा का 26 साल का वनवास समाप्त हो चुका है। प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा ने राजधानी में वापसी की है। बीते 10 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी का किला ढह गया। भाजपा को इस चुनाव में 70 सीटों में से 48 सीटों पर जीत मिली हैं, जबकि बहुमत के लिए 36 सीटों की जरूरत थी। अब दिल्ली की नजर मुख्यमंत्री के चेहरे पर है।

नई दिल्ली (आरएनआई) आप सांसद संजय सिंह, बाबरपुर विधानसभा सीट से विजयी उम्मीदवार गोपाल राय और आप के महासचिव संदीप पाठक समेत आप नेता दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंचे।
गांधीनगर से भाजपा के विजयी उम्मीदवार अरविंदर सिंह लवली ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात पर कहा, "यह बस एक शिष्टाचार मुलाकात थी।"
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल कुछ ऐसी चीज़ों में जाकर फंसे जिसे समाज स्वीकार नहीं करता है। इन्होंने(अरविंद केजरीवाल) शराब नीति से पैसा कमाया है इसलिए जनता ने इन्हें नकारा है... मैं भाजपा से कहना चाहूंगा कि कांग्रेस के समय जिस तरह शीला दीक्षित और मनमोहन सिंह जी ने काम किया था उसी तरह वे भी दिल्ली के लिए काम करें।'
नई दिल्ली विधानसभा सीट से भाजपा के विजयी उम्मीदवार प्रवेश वर्मा राज निवास पहुंचे। इसके अलावा बिजवासन विधानसभा सीट से भाजपा के विजयी उम्मीदवार कैलाश गहलोत भी राज निवास पहुंचे।
दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली की सातवीं विधानसभा को भंग कर दिया है। एलजी कार्यालय की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। कल दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा 70 में से 48 सीटें जीतकर विजयी हुई है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंचे। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर चर्चा हो सकती है।
विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की हार के एक दिन बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को अपना इस्तीफा सौंप दिया है।
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, 'दिल्ली के लोगों ने बदलाव के लिए वोट दिया है, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व के लिए वोट दिया है। हमने अपने संकल्प पत्र में जो वादे किए थे, उन्हें पूरा करेंगे, दिल्ली को विकसित राजधानी बनाएंगे। इंडिया गठबंधन नाम की कोई चीज नहीं बची है, ये सब स्वार्थी लोग हैं...आतिशी को आत्मचिंतन करना चाहिए कि जब उनकी पार्टी के बड़े नेता चुनाव हार गए तो उन्हें सोचना चाहिए कि किस बात का जश्न मनाना है।'
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