भागवत चरित के श्रवण से होता है सभी पापों का नाश : स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज
वृन्दावन।वंशीवट क्षेत्र स्थित संकीर्तन भवन में श्रीसंकीर्तन भवन धार्मिक न्यास ट्रस्ट के द्वारा ठाकुर वंशीवट बिहारी गिरधारीलाल जू महाराज के पावन सानिध्य में गोलोकवासी संत प्रवर प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज के द्वारा रचित श्रीभागवत चरित संगीतमय पारायण ज्ञानयज्ञ महोत्सव (अष्टोत्तरशत) विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों सहित अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ चल रहा है।
जिसमें व्यास पीठ पर आसीन महाराजश्री के परम् कृपापात्र भागवताचार्य गोपाल भैया महाराज के द्वारा श्रीभागवत चरित का 108 संगीतमय पारायण कराया जा रहा है।
महोत्सव के अंतर्गत सायं संत-विद्वत आशीर्वचन समारोह में श्रीनाभापीठाधीश्वर जगद्गुरू स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज व अयोध्या स्थित सुग्रीवकिला पीठाधीश्वर जगदगुरू स्वामी विश्वेशप्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि व्यासावतार संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज द्वारा संगम पर नौका में श्रीभागवत चरित की रचना की गई।जिसके श्रवण करने मात्र से सभी पापों का नाश हो जाता है।साथ ही मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
आचार्यकुटी पीठाधीश्वर जगदगुरू स्वामी श्रीरामप्रपन्नाचार्य महाराज व प्रख्यात भागवताचार्य डॉ. श्याम सुंदर पाराशर महाराज ने कहा कि संत प्रभुदत्त ब्रह्मचारी महाराज गौ सेवा, संत सेवा, दीन-दुखियों आदि की पूर्ण मिश्रा व समर्पण के साथ सेवा करते थे।उन्होंने गौ हत्या रोकने के लिए धर्म सम्राट स्वामी करपात्री महाराज के साथ गौ हत्या आंदोलन का निर्देशन किया था।ऐसे धर्मावतार संत को हम बारंबार नमन-वंदन करते हैं।
श्रीसंकीर्तन भवन धार्मिक न्यास ट्रस्ट के ट्रस्टी विनय त्रिपाठी व महोत्सव के मीडिया प्रभारी डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने बताया कि ज्ञान गुदड़ी क्षेत्र पौराणिक गोपी-उद्धव संवाद स्थल हैIयहां ऐसी परम्परा रही है कि जब यमुना अपने प्रचंड वेग पर होतीं हैं, तब यमुनाजी की बाढ़ का जल ज्ञान गुदड़ी क्षेत्र में प्रवेश करता है।तब यहां के ब्रजवासी भक्त यमुना महारानी का स्वागत पूर्ण भक्तिभाव से भव्य उत्सव मनाकर करते हैं।
उसी परम्परा के चलते ठाकुरजी की नाव में सवारी,
यमुनाजी का स्वागत, पूजा-अर्चना कर ,दूध की धार अर्पित की गई।
इस अवसर पर महोत्सव के संयोजक आचार्य मंगेश दुबे, प्रमुख समाजसेवी पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
रात्रि को भव्य रासलीला का अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन हुआ।
What's Your Reaction?