भव्य एवं दिव्या होगा श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ 108 कुंडीय महायज्ञ में सम्मिलित होंगे देश-विदेश के हजारों भक्त कार्तिक मास में महायज्ञ के दर्शन मात्र से मिलेगा कई गुना पुण्य फल : स्वामी भरतदासाचार्य

Nov 4, 2023 - 20:50
Nov 4, 2023 - 20:59
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भव्य एवं दिव्या होगा श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ 108 कुंडीय महायज्ञ में सम्मिलित होंगे देश-विदेश के हजारों भक्त कार्तिक मास में महायज्ञ के दर्शन मात्र से मिलेगा कई गुना पुण्य फल : स्वामी भरतदासाचार्य
वृंदावन--हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व बताया गया है इस माह में किए गए धार्मिक अनुष्ठान दान आदि का कई गुना फल प्राप्त होता है।
इसी क्रम में श्रीधाम वृंदावन के परिक्रमा मार्ग स्थित कुंभ मेला क्षेत्र में 19 नवंबर से 27 नवंबर तक विराट आयोजन किया जा रहा है जिसमें 108 वां 108 कुंडीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए स्वामी श्री भरत दासाचार्य महाराज ने बताया कि वे अब तक 107 महायज्ञ करवा चुके हैं जिसमें 108 कुंडीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ देश के विभिन्न स्थानों पर अब तक संपन्न हो चुका है। इस बार 108 वां महायज्ञ श्रीधाम वृंदावन की पवित्र कुंभ मेला क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। इस महायज्ञ में देश के कोने-कोने से हजारों भक्त इस आयोजन में सम्मिलित होने आएंगे। पुराणों में कहा गया है कि इस तरह के महायज्ञ के दर्शन मात्र से व्यक्ति को हवन करने का पुण्य फल प्राप्त होता है।
महायज्ञ के मुख्य यज्ञ आचार्य  बालकृष्ण जी ने बताया कि यह लक्ष्मी नारायण महायज्ञ पूर्ण विधि विधान के साथ संपन्न कराया जाएगा जिसमें हवन करने वाले और करने वाले दोनों को नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना होगा। 
मीडिया प्रभारी महेश खंडेलवाल ने महाराज श्री के जीवन परिचय देते हुए कहा कि परमपूज्य स्वामी जी का प्रथम बार आगमन बृज की पवित्र भूमि में सन् 1963 में हुआ। स्वामी जी का जन्म एवं गुरु स्थान लक्ष्मण बाग, रीवा, म०प्र० है।
स्वामी जी की कठिन तपस्या एवं श्री लक्ष्मीनारापयण भगवान की स‌प्रेरणा एवं वृजभूमि के प्रभाव से उन्हें प्रेरणा हुई कि धर्म के माध्यम से लोक कल्याण की ओर अग्रसित होना चाहिए। इसी स‌प्रेरणा के चलते स्वामी जी लोक कल्याण के लिए यज्ञों का मार्ग चुना, जिसके पश्चात् स्वामी जी का पहला यज्ञ कटनी, म०प्र० से प्रारम्भ हुआ और इसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए स्वामी जी ने भारतवर्ष के विभिन्न प्रदेशों के नगरों में 107 श्रीलक्ष्मीनारायण महायज्ञ वैदिक ऋषि परम्परा अनुसार संपादित किए एवं 108वाँ अष्टोत्तरशत् कुण्डात्मक श्रीलमक्ष्मीनाराण यज्ञ का दिव्य आयोजन श्रीधाम वृन्दावन में पुण्य सलिला श्रीयमुनाजी के पावन तर पर कुम्भ मेला परिक्षेत्र में होने जा रहा है।
जिसका उ‌द्घाटन अनन्त श्री विभूषित जगद्‌गुरु रामानुजाचार्य पद्मश्री चिन्ना जीयर स्वामी , संस्थापक-रामानुजम्, हैदरावाद को गरिमामयो उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलन एवं यज्ञ उद्‌घाटन से किया जायेगा तदोपरान्त श्रीम‌द्भागवत सप्ताह कथा  जगद्‌गुरु रामानुजाचार्य परमपूज्य 108 डा0 स्वामी श्री राघवाचार्य जी महाराज, अयोध्या  द्वारा किया जायेगा।
इस आयोजन को सम्पन्न कराने के लिए पूरे देश से स्वामी जी के भक्तगण सपरिवार सम्मिलित होंगे जो कि लाखों की संख्या में यज्ञ में आहूतियां देंगे। समस्त बृजवासियों से आग्रह है कि इस विराट आयोजन का हिस्सा बनकर कार्यक्रम को सफल बनायें।
वार्ता में मुख्य रूप से आचार्य जुगल किशोर, सतीश मित्तल, जगदीश काबरा, बाबूलाल मोहता, दीनानाथ शर्मा, पवन मित्तल, संजय चंद्रा, हीरालाल दमानी, गुलाबचंद पारीक एवं रवि गोलयान आदि उपस्थित रहे।
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