भविष्य में एआई डॉक्टर भी कर सकेंगे इलाज, सेवाओं के विस्तार में मददगार होगी तकनीक
शुक्रवार को दिल्ली में कंफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) ने डिजिटल हेल्थ समिट का आयोजन किया। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि देश के जिला अस्पतालों में मरीजों की रेडियोलाॅजी जांच उपलब्ध कराने में एआई तकनीक मददगार साबित हो सकती है।
नई दिल्ली (आरएनआई) देश की स्वास्थ्य सुविधा को मजबूत करने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) डॉक्टर अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसे लेकर देश में कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। फिलहाल यह शुरुआती दौर में है। उम्मीद है कि अगले पांच से छह साल में इसमें काफी सुधार होगा। यह एआई डॉक्टर स्वास्थ्य कर्मी की तरह मरीज से परेशानी, एलर्जी, माता-पिता को हुई बीमारी सहित दूसरी जानकारी हासिल कर उपयुक्त सलाह दे सकेंगे। इन सलाह के आधार पर डॉक्टर आगे का इलाज करेगा। डॉक्टरों पर मरीज का रिव्यू मिलने पर हिस्ट्री लेने का समय बचेगा। साथ ही मरीज को समय पर उचित सलाह मिल सकेगी। इसकी मदद से देश के दूर दराज इलाकों में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकेगी। इसके अलावा स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने में ऑनलाइन स्वास्थ्य सुविधा, टेली मेडिसिन सहित दूसरे भी काफी मददगार होंगे।
शुक्रवार को दिल्ली में कंफेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआइआइ) ने डिजिटल हेल्थ समिट का आयोजन किया। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि देश के जिला अस्पतालों में मरीजों की रेडियोलाॅजी जांच उपलब्ध कराने में एआई तकनीक मददगार साबित हो सकती है। इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है। आज एम्स सहित देश के कुछ बड़े अस्पतालों में लैब जांच में एआइ तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है। त्वचा रोग, मुंह के कैंसर, फेफड़े के कैंसर की बीमारियों की स्क्रीनिंग व इलाज में एआई के इस्तेमाल की अपार संभावनाएं हैं। मौजूदा समय में देश में रेडियोलाजिस्ट की भारी कमी है। कई जिलों में इनकी कमी के कारण जांच प्रभावित होती है। ऐसे में यह एआई बेहतर सुविधा उपलब्ध करवा सकती है।
कार्यक्रम के दौरान एक एआई मॉडल प्रस्तुत किया गया। इस मॉडल ने डॉक्टर की तरह कपड़े पहने हुए थे। यह अंग्रेजी में लोगों ने उनकी समस्या पूछ रही थी। समस्या बताने के बाद एआई रोबोट करीब 35 सेकेंड में उत्तर दे रही थी। इसे प्रस्तुत करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि यह शुरुआती रूप है। इसमें अभी काफी सुधार होना बाकी है। इसमें काफी डाटा अपलोड होगा। भविष्य में यह मरीजों की बात सुनकर जवाब दे पाएगी।
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