भगवान श्रीकृष्ण के ही साक्षात स्वरूप हैं गिरिराज गोवर्धन : पं. देवकीनंदन शर्मा (संगीताचार्य)
बरसाना।निकटवर्ती ग्राम आजनोंक स्थित ठाकुर श्रीअंजन बिहारी मन्दिर (इन्दुलेखा सखी) में संत प्रवर बिहारीदास महाराज की पावन स्मृति में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ महोत्सव में गिरिराज लीला प्रसंग की कथा श्रवण कराते हुए श्रीधाम वृन्दावन के प्रख्यात भागवत प्रवक्ता पंडित देवकीनंदन शर्मा (संगीताचार्य) ने कहा कि गिरिराज गोवर्धन महाराज साक्षात भगवान श्रीकृष्ण के ही प्रतिरूप हैं।उनमें और श्रीकृष्ण में कोई भेद नहीं है।वस्तुत: भगवान श्रीकृष्ण ने प्रकृति के संरक्षण करने के लिए ही गिरिराज पूजा की लीला की थी।जिससे कि लोग प्रकृति के महत्व को जानें और उसकी उपयोगिता का सही से पालन करें।
उन्होंने कहा कि ब्रज की पावन भूमि पर त्रिदेव पर्वत रूप में विद्यमान हैं। जो कि बरसाना में ब्रह्मगिरि (ब्रह्मदेव), नंदगांव में नंदीश्वर पर्वत (महादेव) एवं गोवर्धन में गिरिराज पर्वत (भगवान विष्णु) के स्वरूप हैं।इनकी पूजा व परिक्रमा करने से व्यक्ति के सभी मनोरथ सिद्ध होते हैं।इसीलिए गिरिराज गोवर्धन ब्रजवासियों के इष्टदेव हैं।
इस अवसर पर महंत दयालदास महाराज (ग्राम-बृजवारी), महंत वैष्णवदास महाराज,चेयरमैन पदम फौजी, वीरवल मास्टरजी, हरिसिंह प्रधान, सोनू पुजारी, पंडित नवल किशोर तिवारी,छीतरमल, डॉ. राधाकांत शर्मा, संगीतज्ञ कृष्ण मुरारी दीक्षित, आचार्य रामलाल शास्त्री, श्यामसुंदर ब्रजवासी, महेश,भगवान सिंह,चरण सिंह चौधरी, लालचंद्र, पूरन दादाबाबा,योगेश पटवारी (पूर्व प्रधान आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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