भगवान चित्रगुप्त जी महराज तैंतीस कोटि देवताओं में प्रमुख देवता सर्वपूजित हैं -सच्चिदानंद पशुपति महराज

Sep 15, 2024 - 21:34
Sep 15, 2024 - 21:36
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भगवान चित्रगुप्त जी महराज तैंतीस कोटि देवताओं में प्रमुख देवता सर्वपूजित हैं -सच्चिदानंद पशुपति महराज

ऋषिकेश (आरएनआई) अखिल भारतीय कायस्थ महासभा उत्तराखंड द्वारा देवभूमि उत्तराखंड के ऋषिकेश में पतित पावनी गंगा तट पर स्थित परमार्थ निकेतन सभागार में देश में पहली बार एक दिवसीय भगवान चित्रगुप्त जी महराज की कथा का आयोजन आयोजित किया गया।

कथा के मुख्य कथावाचक भगवान चित्रगुप्त पीठ मथुरा वृन्दावन के पीठाधीश्वर सच्चिदानंद पशुपति महराज ने कहा कि भगवान चित्रगुप्त जी महाराज किसी एक जाति या सम्प्रदाय के नहीं अपितु समस्त सनातन समाज के पूजित देवता हैं।पदम पुराण में उल्लिखित मन्त्र ॐ यमाय धर्मराजाय चित्रगुप्ताय वै नमः का उल्लेख करते हुए कहा कि इसी मंत्र में सीधे कहा गया है जो यमराज धर्मराज चित्रगुप्त जी है उन्हें प्रणाम यानी की देवता एक है कार्य के अनुसार दायित्व का विभाजन है।

जैसे जनपद में एक डीएम होता है वो जब रेवेन्यू कलेक्ट करता है तो उसे जिला कलेक्टर कहते हैं वही डीएम जब प्रशासनिक कार्यों को देखता है तो पद जिलाधिकारी का हो जाता है और जब न्यायिक कार्य निपटाता है जो जिला मजिस्ट्रेट हो जाता है ठीक इसी प्रकार भगवान चित्रगुप्त जी महाराज का कार्य है देवता एक है कार्य आधार पर नाम या दायित्व का विभाजन है। कथा को परमार्थ निकेतन के निदेशक अन्तर्राष्ट्रीय सन्त स्वामी चिदानंद सरस्वती जी महाराज ने भगवान चित्रगुप्त महिमा का बखान करते हुए देश काल, महात्म्य पर कहा कि भगवान चित्रगुप्त जी महराज इस चराचर जगत के न्यायाधिपति है। पूरे ब्रह्मांड के जीवों के कर्मों के आधार पर न्याय कर उन्हें उचित स्थान देते हैं। भगवान चित्रगुप्त की पूजा हमने चालीस वर्ष पहले अमेरिका में करवाया था आज अमेरिका के अनेक शहरों में भगवान चित्रगुप्त पूजा सभी लोग पूरी श्रद्धा से कर रहे हैं। भगवान चित्रगुप्त की पूजा करने वाले सभी ब्यक्ति अकाल मृत्यु से नहीं मरते हैं। भगवान चित्रगुप्त सामाजिक चेतना के जागृत देवता हैं भगवान यही सन्देश देते हैं कि समाज में दीवार खड़ी मत करो खतम करो दरार मत डालो बल्कि समाज की दरार को भरो। 

भगवान के इसी सन्देश को हमसब अंगीकार कर देश और समाज को मजबूती प्रदान करने में सहयोग करें। कार्यक्रम को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय, राष्ट्रीय महामंत्री विश्वविमोहन कुलश्रेष्ठ ने सम्बोधित किया। कथा में आये हुये देशभर से श्रद्धालुओं का कार्यक्रम संयोजक अखिल भारतीय कायस्थ महासभा उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया।इस मौके पर राष्ट्रीय संगठन मंत्री पीसीएल श्रीवास्तव, महिला प्रकोष्ठ राष्ट्रीय अध्यक्ष मेघना श्रीवास्तव, अखिल भारतीय कायस्थ महासभा उप्र के प्रदेश अध्यक्ष डॉ इन्द्रसेन श्रीवास्तव, प्रदेश महामंत्री श्याम चन्द्र श्रीवास्तव, राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप माथुर, तमिलनाडु अध्यक्ष रवि पिल्लई सहित हजारों लोग उपस्थित रहे।

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