भगवान की समस्त लीलाओं और अवतारों की कथाओं का ज्ञान कराने वाली कथा है श्रीमद्भागवत : जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)

वृन्दावन (आरएनआई) परिक्रमा मार्ग स्थित सुखधाम आश्रम में श्रीमज्जगद्गुरु पीपाद्वाराचार्य बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में होली के उपलक्ष्य में चल रहे सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव में व्यासपीठ पर आसीन पद्मविभूषण तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी के द्वारा श्रीमद्भागवत की महिमा बताते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण के महात्म्य में भक्ति, ज्ञान तथा वैराग्य की महानता को दर्शाया है। भगवान की समस्त लीलाओं और अवतारों की कथाओं का ज्ञान कराने वाली यह कथा सकाम कर्म, निष्काम कर्म, ज्ञान साधना, सिद्धि साधना, भक्ति, अनुग्रह, मर्यादा, द्वैत-अद्वैत, निर्गुण-सगुण का ज्ञान प्रदान करती है। वस्तुत: श्रीमद्भागवत महापुराण भक्ति, ज्ञान और वैराग्य का अक्षय भंडार है। इसीलिए इस ग्रंथ के श्रवण करने से मनुष्य के समस्त पापों का क्षय हो जाता है और भगवान की भक्ति सहज में ही प्राप्त होती है।
उन्होंने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन अखिल कोटि ब्रह्माण्ड नायक परब्रह्म परमेश्वर भगवान श्रीकृष्ण और उनकी आल्हादिनी शक्ति श्रीराधा रानी की पावन लीला भूमि है। वे पहले भी वृंदावन में काफी रहे हैं और अब भी यहां अधिक से अधिक रहना चाहते हैं।
इस अवसर पर ठाकुर श्रीराधा रमण मन्दिर के सेवायत व विश्वप्रसिद्ध भागवताचार्य पुंडरीक गोस्वामी, श्रीतुलसीपीठ, चित्रकूट के उत्तराधिकारी, आचार्य रामचंद्र दास महाराज, प्रमुख समाजसेवी पण्डित शोभाराम शर्मा, प्रख्यात साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, पुनीत खेतावत, मोहन सिंह, डॉ. राधाकांत शर्मा, बाबा रामकृष्ण दास, माधव दास एवं विष्णु पुरी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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