भगवद्प्राप्ति ही जीव का लक्ष्य होना चाहिए : आचार्य मृदुल कृष्ण गोस्वामी
(डॉ. गोपाल चतुर्वेदी)
वृन्दावन (आरएनआई) सुनरख रोड़ स्थित हरे कृष्णा ऑर्चिड में सप्तदिवसीय श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ चल रहा है।जिसमें व्यासपीठ से श्रीहरिदासी वैष्णव संप्रदायाचार्य विश्वविख्यात भागवत प्रवक्ता आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज अपनी सुमधुर वाणी के द्वारा सभी भक्तों-श्रृद्धालुओं को श्रीमद्भागवत महापुराण की अमृतमयी कथा का रसास्वादान करा रहे हैं।
आचार्य गोस्वामी मृदुल कृष्ण महाराज ने कहा कि भगवद्प्राप्ति ही जीव का लक्ष्य होना चाहिए।इसके लिए हमारे ऋषियों-मुनियों ने अनेकों साधन बताये हैं।हमारे धर्म ग्रंथों में नौ प्रकार की भक्ति का वर्णन किया है।जिन्हें नवधा भक्ति भी कहा जाता है।जिनमें श्रवण, कीर्तन, स्मरण, चरण सेवा (पाद सेवन), अर्चन, वंदन, दास्य, सख्य एवं आत्म निवेदन। इन नौ भक्तियों के द्वारा भक्त परमात्मा को प्राप्त कर लेता है।लेकिन गोपियों द्वारा उद्धवजी को बताई गई प्रेमा भक्ति ही संसार में भगवत प्राप्ति का सर्वश्रेष्ठ साधन है।जिसके द्वारा भक्त को शीघ्र ही प्रभु की प्राप्ति हो जाती है।
उन्होंने कहा कि हमें अपने आराध्य के प्रति दृढ़ विश्वास और अटूट श्रद्धा रखनी चाहिए।तभी हम प्रभु की साधना करके उनको प्राप्त कर सकते हैं।व्यक्ति के हृदय में श्रद्धा और विश्वास की कमी ही भगवद साधना में रुकावट उत्पन्न करती है।इसके लिए संत समागम और हरिकथा ही सर्वोत्तम उपाय है।
आयोजन के मुख्य यजमान ललित बेरीवाला, बिरम प्रकाश सुल्तानिया, रवि बेरीवाला, प्रदीप तोदी, दीपक गोयनका, निकुंज बेरीवाला, संजय बरलिया, महेश अग्रवाल, संजय अग्रवाल, किशन मोदी, विनाद केडिया, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी, प्रमुख समाजसेवी दासबिहारी अग्रवाल, राजा पण्डित, पण्डित रविन्द्र, पण्डित उमाशंकर मिश्रा एवं डॉ. राधाकांत शर्मा, अमित पाठक आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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