भगदड़ में मरने वालों में चार कर्नाटक व गुजरात-असम का एक-एक श्रद्धालु, रात 2 बजे हुआ हादसा
मौनी अमावस्या के मौके पर हुई भगदड़ में मरने वालों में कर्नाटक के बेलगावी की एक महिला और उसकी बेटी सहित चार लोग शामिल थे। गुजरात का एक श्रद्धालु शामिल है। हादसे को लेकर अधिकारियों ने बताया कि वहां कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं था। घायलों की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी की गई है।
बेलगावी/प्रयागराज (आरएनआई) प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार को मौनी अमावस्या स्नान पर ज्यादा भीड़ होने से भगदड़ मच गई है। इसमें कई लोगों के मरने की आशंका जताई जा रही है। प्रशासन ने इस भगदड़ में मृतकों की संख्या 30 बताई वहीं 60 लोग घायल हो गए। इस बीच सामने आया है कि मौनी अमावस्या के मौके पर हुई भगदड़ में मरने वालों में कर्नाटक के बेलगावी की एक महिला और उसकी बेटी सहित चार लोग शामिल थे।
डीआइजी महाकुंभ वैभव कृष्ण ने बताया कि मरने वाले 30 में से 25 श्रद्धालुओं की पहचान हो चुकी है और बाकी की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। इनमें कर्नाटक के 4, असम के 1, गुजरात के 1 लोग शामिल हैं। फिलहाल श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 36 लोगों का इलाज किया जा रहा है। हादसे को लेकर अधिकारियों ने बताया कि वहां कोई वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं था। घायलों की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी की गई है।
बेलगावी उत्तर से कांग्रेस विधायक आसिफ सैत ने भी दुखद घटना की सूचना मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने भी कहा कि महाकुंभ में हुए हादसे में बेलगावी शहर के चार लोगों की जान चली गई है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि हमें जानकारी मिली है कि भगदड़ में बेलगावी शहर के चार लोगों की मौत हो गई है। हम उनके परिजनों के साथ हैं। साथ ही आसिफ सैत ने राज्य सरकार से मृतकों के परिजनों को आर्थिक मुआवजा देने की अपील भी की।
विधायक ने यह भी बताया है कि बेलगावी के उपायुक्त मोहम्मद रोशन ने विशेष उपायुक्त को प्रयागराज जाकर शवों को वापस लाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
महाकुंभ में जिन लोगों की मौत होने की बात कही जा रही है उनमें वडागांव निवासी भाजपा कार्यकर्ता ज्योति हट्टारवाड़ (50) और उनकी बेटी मेघा हट्टारवाड़ (16) की मौत हो गई है। इसके अलावा, अन्य दो लोगों में बेलगावी की महादेवी भवनूर और अरुण भी शामिल हैं।
ज्योति हट्टारवाड़ के परिजनों ने बताया कि मां-बेटी की जोड़ी 26 जनवरी को एक निजी ट्रैवल एजेंसी के माध्यम से बस से प्रयागराज गई थी। उनके साथ 13 सदस्यीय यात्रा समूह का हिस्सा थी। ज्योति के भाई गुरुराज ने कहा कि घायल होने के बाद, वे आज सुबह प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे थे। तमाम कोशिशों के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।
ज्योति के पति ने कहा कि तीर्थयात्रियों के समूह में शामिल चिदंबर पाटिल नाम के एक व्यक्ति ने उन्हें सूचित किया कि भगदड़ में उनकी पत्नी और बेटी की जान चली गई।
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